बिहार सरकार के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने शराब के साथ पकड़ी गई गाडिय़ों को बेचकर एवं जुर्माना वसूलकर आठ करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए हैं। गाडिय़ों की ई-नीलामी शुरू होने और शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद जुर्माना वसूली की प्रक्रिया शुरू होने से इसमें इजाफा हुआ है। शराबबंदी लागू होने के बाद वाहनों की नीलामी की जटिल प्रक्रिया के चलते पिछले पांच साल में मात्र चार हजार वाहनों की नीलामी ही संभव हो सकी थी लेकिन, अप्रैल से वाहनों की नीलामी ऑनलाइन किये जाने का प्रावधान किया गया। इसके लिए केंद्र सरकार के ई-ऑक्शन एमएसटीसी पोर्टल की सेवाएं ली जा रही हैं।

इसका असर है कि पिछले दो महीने में ही पोर्टल पर 12 हजार से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। अभी तक कुल 11,050 वाहनों की नीलामी हुई है, जिससे करीब तीन करोड़ 38 लाख 95 हजार रुपये की प्राप्ति हुई है। मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एमएसटीसी की वेबसाइट पर निबंधन कर वाहनों की नीलामी में भाग ले सकता है। इसके लिए ई-मेल आइडी और मोबाइल नंबर देकर निबंधन कराना होगा। नीलामी के लिए तिथि निर्धारित होने पर आवेदक के रजिस्टर्ड ई-मेल व मोबाइल पर इसकी सूचना दी जाती है।

3.38 करोड़ रुपये मिले वाहनों की नीलामी से 4.90 करोड़ रुपये मिले जुर्माना राशि वसूलकर

610 वाहनों से वसूला गया अर्थदंड

शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद अब शराब के साथ पकड़े गए वाहनों से जुर्माना लेकर छोडऩे की व्यवस्था की गई है। इसमें संबंधित जिलों के डीएम को गाड़ी की बीमा राशि का 50 प्रतिशत जुर्माना लेकर गाड़ी छोडऩे का अधिकार दिया गया है। उत्पाद अधिकारियों के अनुसार, एक अप्रैल से चार जून के बीच कुल 610 वाहनों को अर्थदंड लगाकर छोड़ा गया है। इससे कुल चार करोड़ 90 लाख चार हजार रुपये की प्राप्ति विभाग को हुई है।