जेल जाना कौन चाहता है? अपराधी अगर पुलिस की पकड़ में आ जाए तो जल्दी से जल्दी जमानत लेकर बाहर आने का इंतजाम करता है। लेकिन, जेल जब मौसाजी की हो, तो मामला अलग भी हो सकता है। पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र के चकनूरी गली निवासी गोलू के बारे में तो ऐसा ही दावा पुलिस के सूत्र कर रहे हैं। गोलू को बेउर जेल का खाना काफी पसंद था। वह छोटे-छोटे मामलों में भी जेल चला जाया करता था। जेल में उसकी हुकूमत चलती थी। यही वजह है कि जेल से बाहर निकलने की कीमत उसे जान गंवा कर चुकानी पड़ी।
दीदारगंज थाना क्षेत्र के गंगा घाट किनारे शिव घाट पर चाकू से गोदकर हुई हत्या मामले में युवक की पहचान मालसलामी थाना क्षेत्र के चकनूरी गली निवासी गोलू के रूप में हुई। मालसलामी थाना पुलिस द्वारा मृतक गोलू को शराब तथा मारपीट मामले में दो बार जेल भेजा गया था। पुलिस हत्या में प्रयुक्त चाकू तथा खून लगा कपड़ा बरामद कर चुकी है।
एक सप्ताह पहले जेल से छूटे गोलू ने संतोष को बट से मारा था

एक सप्ताह पहले जेल से छूटने के बाद गोलू ने दीदारगंज बिचला टोला के संतोष को मंगल तालाब की स्लम बस्ती में बुलाकर पिस्टल के बट से मारा था। किसी तरह जान बचाकर वह भागा। बुधवार की शाम संतोष और अमित गोलू को पार्टी के बहाने शिवघाट ले गए। वहां पर तीनों खाने-पीने लगे। इसी दौरान गोलू ने जेब से चाकू निकालकर अमित के चेहरे पर वार कर दिया। घायल अमित व दोस्त संतोष ने गोलू को बालू पर पटक दिया।

गोलू के हाथ से चाकू छीनकर दोनों ने चेहरा व शरीर पर ताबड़तोड़ वार करने लगे। बालू पर ही तड़प कर गोलू ने दम तोड़ दिया। हमला के दौरान हमलावरों के कपड़े पर खून के छींटे पड़े थे। इसके बाद संतोष टेंपो से मालसलामी आ गया। यह बात हत्याकांड में गिरफ्तार अमित व संतोष ने गुरुवार को दीदारगंज थानाध्यक्ष चेतनानंद झा के समक्ष कही। गिरफ्तार ने अन्य चौंकाने वाली बातों का खुलासा किया।