बिहार में कोरोना के तीसरे लहर का प्रसार शुरू हो गया है. राजधानी पटना में आज 105 लोग कोविड पॉजिटिव पाये गये हैं. पूरे बिहार में आज कुल 158 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया है. ये हाल तब है जब सूबे में आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बेहद कम है. ज्यादातर लोग रैपिड एंटीजेन टेस्ट में ही कोरोना संक्रमित पाये जा रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज जारी आंकड़े के मुताबिक बिहार में कुल 158 कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान हुई है जिसमें 105 सिर्फ पटना के हैं. राज्य के दूसरे जिलों में स्थिति नियंत्रण में बतायी जा रही है. हालांकि इसकी हकीकत ये है कि पटना के अलावा दूसरे जिलों में कोविड के प्रमाणिक आरटीपीसीआर टेस्ट की सही व्यवस्था है ही नहीं. लिहाजा रैपिड एंटीजेन टेस्ट के सहारे कोरोना की जांच की जा रही है. रैपिड एंटीजेन टेस्ट का परिणाम 60 फीसदी तक गलत होने की संभावना होती है.

तीसरी लहर आयी लेकिन सरकार की व्यवस्था फेल

गौरतलब है कि बिहार सरकार मान चुकी है कि सूबे में कोरोना की तीसरी लहर आ गयी है लेकिन सरकार के पास जांच के इंतजाम तक नहीं है. कल ही पटना में ओमिक्रॉन का पहला मरीज मिला था. लेकिन अभी तक राज्य में ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए जांच की सुविधा नहीं है. ओमिक्रॉन की जांच के लिए सैंपल को दिल्ली भेजा जा रहा है. वहां से रिपोर्ट आने में एक सप्ताह और उससे ज्यादा वक्त लग जा रहा है. इस बीच कोरोना का पेशेंट कई दूसरे लोगों में बीमारी को फैला चुका होता है.