बालिका सुधार गृह में लड़कियों का शोषण होता है. उसमें लड़कियों को नहीं रखना चाहिए. यहां बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग आते है और लड़कियों को अपने साथ ले जाते हैं.” ये अल्फाज किसी विपक्षी पार्टी के नेता के नहीं बल्कि कानून के रक्षक एक थानाध्यक्ष के हैं, जिनका ऑडियो इन दिनों तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दरअसल, प्रदेश के पश्चिम चंपारण जिले के बैरिया थाना क्षेत्र के एक गांव से 23 मार्च को नाबालिग लड़की का अपहरण हो गया था.

चौकीदार के बेटे का सामने आया था नाम

अपहरण का आरोप जिले के बैरिया थाना के चौकीदार शम्भू साह के बेटे सुधीर पर लगा था. परिजनों ने आवेदन दिया तो पुलिस ने आनाकानी कर केस दर्ज नहीं किया. लेकिन पीड़ित परिवार एसपी के पास पहुंच गया, तब जाकर मामले में केस दर्ज हुआ. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लड़की को बरामद कर लिया और न्यायालय में उसका बयान भी करा लिया.

हालांकि, लड़की की बरामदगी के बाद घरवाले उसे अपने साथ ले जाना को तैयार नहीं हुए. ऐसे में पुलिस द्वारा जबरन लड़की को उसके घर भेजने के लिए दवाब बनाया जाने लगा. इसी क्रम में बैरिया थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार ने पीड़ितों को कहा कि चौकीदार के पुत्र पर आरोप है तो वह चौकीदार का ही पक्ष लेंगे. इतना ही नहीं थानाध्यक्ष ने रिमांड होम की हकीकत बताकर लड़की के घरवालों को डराने का भी प्रयास किया. इसके बावजूद घरवाले लड़की को अपने साथ नहीं ले जाने को तैयार नहीं हुए. 

पुलिस के दबाव के कारण उन्होंने थानाध्यक्ष का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इस मामले में जब बैरिया थाना अध्यक्ष दुष्यंत कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो भी कहा है, सही कहा है. इसमें कुछ गलत न

हीं है. 

प्रेम को अपनाया तो अपनो ने ठुकराया

स्थानीय लोगों ने कहा कि लड़का-लड़की आपस में प्रेम करते थे और शादी के लिए घर से भाग गए थे. इस कारण जब लड़की बरामद हुई तो लड़की के घरवाले उसे घर नहीं लेकर जाना चाहते थे. हालांकि, पूरे मामले में पुलिस ने लड़के को जेल भेज दिया है. लेकिन जिस तरह से एक थानाध्यक्ष ने रिमांड होम की व्यवस्था पर उंगली उठाया है, वह सरकार पर बड़ा सवाल है. इस मामले में बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने कहा है कि ऑडियो के सत्यता की जांच की जा रही है. ऑडियो सत्य पाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.