Bihar Hospital: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार विभिन्न तरह की योजनाओं पर काम कर रही है। वहीं अब बिहार सरकार एक नई पहल करने जा रही है, जिसके तहत प्रदेश के जिलों में पंचायत स्थित अस्पतालों की कमान गांव के मुखिया के हाथों में होगी।

अस्पताल में प्रबंधन की ज़िम्मेदारी निभाते हुए अस्पताल के डॉक्टर, मुलाज़िम और अस्पताल में काम-काज के साथ-साथ सभी की हाज़िरी की मॉनिटरिंग करनी होगी। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत बिहार सरकार इस नई पहल पर काम कर ही है। वहीं गांव के मुखिया को अपने इलाके के अस्पतालों की मॉनिटरिंग करने साथ ही हॉस्पिटल का संरक्षण भी देखेंगे।

इसके अलावा पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक भी करेंगे। आपको बता दें कि इस बाबत प्रदेश के सभी पंचायतों में ग्राम स्वास्थ्य समिति का गठन भी किया जाएगा। ग़ौरतलब है कि आगामी कुछ दिनों में राज्य स्वास्थ्य समिति अस्पतालों की कमान गांव के मुखिया को सौंपने की तैयारी कर रहा है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मद्देनज़र इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। योजना का ब्लूप्रिंट तैयार होने के बाद प्रदेश के 28 जिलों को मुखिया को प्रशिक्षण दिया जा जाएगा।

इस बाबत 10 नवंबर को हाई लेवल मीटिंग आयोजित की गई है, जिसके मद्देनज़र प्रदेश के सभी जिलों के सिविल सर्जन को चिट्ठी लिखी गई है। जिसमें कहा गया है कि गांव के मुखिया को जिम्मेदारी सौंपने से पहले अच्छे तरीके से ट्रेनिंग देकर काम को अंजाम दिया जाए।

राज्य स्वास्थ्य समिति, पंचायती राज विभाग और मास्टर ट्रेनर के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन और ट्रेनिंग के मद्देनज़र 10 नंवंब को बैठक बुलाई गई है। पटना में राज्यस्तरीय हाईलेवल मीटिंग में पटना, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, सारण, वैशाली, पूर्वी चंपारण और मधुबनी के डीसीएम को सेलेक्ट किया है। वहीं रोहतास, शेखपुरा, बांका, गया और दरभंगा के एसीएमओ को मास्टर ट्रेनर के तौर में सेलेक्ट किया गया है।

बिहार में योजना को विभिन्न चरणों में अंजाम दिया जाएगा। पहले चरण में अरवल, अररिया, बेगूसराय, बांका, बक्सर, भोजपुर, भागलपुर, दरभंगा, गया, जमुई, जहानाबाद, गोपालगंज, कैमूर, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मधेपुरा, लखीसराय, मुंगेर, सहरसा, सीतामढ़ी, सिवान, सारण, शिवहर, वैशाली, सुपौल और पश्चिम चंपारण के मुखिया को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

गांव के मुखिया परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति नवविवाहित जोड़े को जागरुक करेंगे। इसके साथ ही समुदाय स्तर पर युवा, नवविवाहित जोंड़े और एक बच्चा वाला दंपती की लिस्ट तैयार करेंगे। फिर उन्हें गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने के लिए उनकी काउंसिलिंग भी करेंगे। इन सब चीज़ों के अलावा जन्म में कम अंतर से होने की वजह से नुकसान और बीमारी की जानकारी देंगे। वहीं बच्चे की मां के स्वास्थ्य की भी जानकारी देंगे।

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