कृषि के साथ-साथ कृषि से जुड़े अन्य रोजगार करने से लाखों की इनकम होती है। किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इन कृषि से जुड़े उद्योगों के लिए बैंक लोन प्रदान करती है वहीं सरकार इस लोन पर सब्सिडी भी देती है। ऐसा ही एक उद्योग है डेरी उद्योग इस उद्योग से पशुपालन में मदद मिलती है, वही आमदनी भी होती है।

खेती किसानी के अलावा ऐसे कई व्यापार हैं, जिनकी मदद से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। किसान कृषि के साथ-साथ पशुपालन का कार्य भी करते हैं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार आर्थिक मदद करती है। पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार डेयरी उद्योग को बढ़ावा दे रही है जिससे लाखों रुपये कमा सकते हैं। इसके लिए बैंक से लोन भी मिल जाता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया डेयरी उद्योग के लिए लोन प्रदान करती है।

डेयरी उद्योग के लिए लोन का यह प्रारूप है

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम मशीन खरीदने के लिए अधिकतम 1 लाख रुपए तक लोन देता है। इसके अलावा भवन निर्माण के लिए 2 लाख रुपए, दूध ढोने वाली गाड़ी खरीदने के लिए 3 लाख रुपए और दूध को ठंठा रखने के लिए चिलिंग मशीन लगाने के लिए 4 लाख रुपए तक का आसान लोन दे रहा है।

इस लोन को वापस करने की अवधि 6 महीने से लेकर 5 साल तक की तय की गई है। इसके लिए लोन पर ब्याज दर 10.85% से शुरू होती है, जो कि अधिकतम 24% तक जाती है। इस लोन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।

डेयरी उद्योग के लिए मिलता है अनुदान
डेयरी फार्म के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी मिलती है। सरकार ने डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए डेयरी उद्यमिता विकास योजना स्टार्ट किया है। ऐसे में इस योजना के माध्यम से आप सरकार से डेयरी उद्योग बढ़ावा देने के लिए 25 फीसदी का अनुदान हासिल कर सकते हैं।

यदि आप आरक्षित कोटे से हैं और 33 फीसदी सब्सिडी लेना चाहते हैं तो आपको 10 पशुओं के साथ इस बिजनेस को शुरू करना होगा। इसके लिए एक प्रोजेक्ट फाइल तैयार करके नाबार्ड के कार्यालय में संपर्क करना होगा।

डेयरी उद्योग के अन्य फायदे भी है
Dairy industry earns millions- डेयरी उद्योग की सबसे खास बात है कि दूध से लेकर गाय के गोबर तक सब कुछ मार्केट में बिकता है। किसान इसे बेच लाखों रुपये कमा सकता है। गोबर का सबसे ज्यादा उपयोग आर्गेनिक खाद बनाने में किया जाता है। इससे बनी खाद फसल के लिए फायदेेमंद होती है। ऐसे में किसान इसका उपयोग अपने खेत में भी कर सकता है, वहीं दूध से भी कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं। दूध से पनीर, दही, घी, छैना, खोया आदि बनता है, जो बाज़ार में महंगे दाम पर बिकता है।