भीषण गर्मी से स्कूलों से लौट रहे बच्चे गर्मी से बेहाल हो रहे हैं। नया शैक्षणिक सत्र होने के साथ ही गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। दिन का तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है। दोपहर के समय बच्चे स्कूल से घर लौटते हुए भी पानी की तलाश करते दिखते हैं।

छुट्टी के समय कुछ बच्चों को तो उनके स्वजन अपने वाहन में स्कूल से ले जाते हैं लेकिन ऐसे भी बहुत सारे बच्चे हैं जो साइकिल, थ्री व्हीलर से या स्कूल वैन से घर जाते हैं। ऐसे में उन्हें कड़कती धूप में घर पहुंचने में भी लंबा समय लगता है। धूप में जा रहे स्कूलों के बच्चे पसीने से तरबतर बच्चों के रंग भी लाल हुए नजर आ रहे हैं।

अभी अप्रैल ही चल रहा है और गर्मियों की छुट्टियों से पहले पूरा मई महीना बच्चों को स्कूल जाना होगा। अप्रैल महीने में ही आग लगाता नजर आ रहा पारा मई में भी और बढ़ेगा, जो बच्चों की सेहत के लिए भी हानिकारक होगा। देहात क्षेत्र में भी दोपहर में हो रही छुट्टी स्कूली बच्चों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बढ़ती हुई गर्मी के मद्देनजर अब स्कूली बच्चों के परिजन मांग करने लगे हैं कि स्कूलों का टाइम आधा कर दिया जाए या छुट्टियां ही कर दी जाएं।

सरकारी कर्मचारी मनजीत कौर ने कहा कि मजबूरी में वह अपने बच्चों को अपने वाहन में जाकर स्कूल से घर नहीं ला सकती हैं। बच्चों को थ्री व्हीलर में आना पड़ता है और छुट्टी के लगभग एक सवा घंटे के बाद बच्चे घर पहुंचते हैं। जब तक बच्चे घर पहुंचते हैं, तब तक वह गर्मी से बेहाल हो चुके होते हैं। गर्मी से बचाव के लिए स्कूलों को छुट्टी का टाइम दोपहर से पहले ही कर देना चाहिए।

आईटी प्रोफेशनल अजीत सिन्हा ने कहा कि छोटे बच्चों की सेहत के लिए धूप खासी खतरनाक है और दोपहर में बच्चों का घर लौटना वाकई में बहुत परेशान कर रहा है। स्कूल संचालकों को कम से कम प्राइमरी सेक्शन के लिए तो छुट्टियों की घोषणा कर देनी चाहिए और बड़ी क्लासों के बच्चों के लिए छुट्टी का टाइम दोपहर से पहले कर देना चाहिए।