बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का विसर्जन करने आए हैं. बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakta Charan Das) भकचोन्हर हैं.” बिहार में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव से पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) की ओर से दिए जा रहे इस तरह के बयानों को लेकर बीजेपी (BJP) ने उम्र का दोष बताया है. बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने कहा कि आरजेडी ने चुनाव के लिए बीमार लालू यादव का जीवन दांव पर लगाया है.
निखिल आनंद ने कहा आरजेडी राजनीतिक संवाद का स्तर नीचे न गिराए. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बहुत अनुभवी नेता हैं, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह का बयान वे लगातार दे रहे हैं वह हास्यास्पद है. लालू यादव हाल के बयानों में किसी को भकचोन्हर बोल रहे हैं तो वहीं नीतीश कुमार को विसर्जित करने की बात कर रहे हैं. आखिर लालू यादव के इन बयानों का मतलब क्या है?
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जब भी बयान दे रहे जबान फिसल जा रही’
जिस तरीके से राष्ट्रीय जनता दल के भीतर परिवार की बुनियाद और अलोकतांत्रिक व्यवस्था उन्होंने कायम की, ठीक वैसी ही अराजक व्यवस्था उन्होंने सत्ता संचालन के दौर में स्थापित किया था. अब शायद उम्र का असर है कि लालू यादव हाल के दिनों में जब भी बयान दे रहे हैं तो उनकी जबान फिसल जा रही है. फिसल जा रही है या फिर वह ऐसे शब्दों का जानबूझकर प्रयोग कर रहे हैं. राजनीति की मर्यादा के लिहाज से यह निश्चित तौर पर ठीक नहीं है और संवाद के स्तर को भी नीचे गिराता है. ऐसा प्रतीत होता है कि वह वाकई में बीमार चल रहे हैं और उनको देखने से ही उनके बुरे सेहत की स्थिति का पता चलता है.
निखिल आनंद ने कहा, “ईश्वर से यही कामना है कि लालू यादव का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य हमेशा बेहतर रहे और वे स्वस्थ-दीर्घायु हों. राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं से हाथ जोड़कर अपील है कि घटिया-अनर्गल बयानबाजी से परहेज करें और संसदीय लोकतंत्र की परंपरा का निर्वहन करते हुए संवाद के स्तर को इतना नीचे ना गिराए.”