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एंबुलेंस के वेंटिलेटर पर बीमार मां, सामने बेटी की शादी… फिल्मी सीन जैसी हुई वेडिंग

आपने बॉलीवुड के फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि हीरो या हेरोइन की मां बीमार होती है और अपने आखों के सामने अपने बेटे या बेटी की शादी होते देखना चाहती है और ऐसे में अस्पताल के अंदर ही शादी की पूरी रश्मों- रज्जा पूरी कर ली जाती है।

लेकिन, बॉलीवुड का यह इमोशनल सीन बिहार के आरा में हकीकत में नजर आया। दरअसल, डॉक्टर ने एक महिला के दोनों किडनी डैमेज होने के बाद बताया था कि वह चंद घंटों की ही मेहमान हैं। वहीं, महिला ने मरने से पहले अपनी इकलौती बेटी को दुल्हन के रूप में देखने की इच्छा जताई।

उसके बाद भगवान भोलेनाथ के मंदिर के पास खड़ी एम्बुलेंस के वेंटिलेटर पर एक बीमार मां लेटी थी और उसके सामने उसकी इकलौती बेटी की शादी रचाई गई। इस अनोखी शादी में दूल्हा-दुल्हन के परिवार वाले और गांव के लोगों के साथ इलाज कर रहे डॉक्टर की टीम भी शामिल हुई।

बताया जाता है कि,एंबुलेंस में पड़ी बीमार मां की हालत देख डॉक्टरों ने महिला को चंद दिनों का मेहमान बता दिया था। इसके बाद मां की अंतिम इच्छा थी कि मरने से पहले वह अपनी इकलौती बेटी की शादी किसी तरह से उसके आंखों के सामने देख लें।

इसके बाद परिवार वालों ने महिला की इच्छा को पूरी करते हुए बेटी की शादी के ‌रस्म को पूरा किया। मिली जानकारी के अनुसार,  यह मामला कोईलवर प्रखंड के दिनेश्वरनाथ धाम मंदिर का है। वहां बड़हरा प्रखंड के कोल्हारामपुर गांव के रहने वाले अजय राय की पत्नी सुनीता देवी की दोनों किडनी खराब हो गई हैं।

उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने महिला की तबीयत ज्यादा खराब देखकर उन्हें कुछ घंटों का मेहमान बता दिया था। इस बात की जानकारी जब बीमार महिला सुनीता देवी को हुई, तो उसने मरने से पहले अपनी बेटी की शादी आंखों के सामने रचाने की इच्छा जाहिर की।



इसके बाद परिवार वालों ने जिस अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा था, उस अस्पताल के डॉक्टर प्रेम कुमार से बात की। उनकी पूरी टीम को साथ लेकर एंबुलेंस से बीमार महिला को लेकर सीधे कोइलवर स्थित दिनेश्वर धाम मंदिर पहुंच गए. जहां पहले से ही दूल्हा-दुल्हन शादी के जोड़े में तैयार थे।

एंबुलेंस के पहुंचने के बाद मां के सामने इकलौती बेटी प्रीति कुमारी की शादी दानापुर के मानस गांव के रहने वाले सुरेश राय के बेटे अजीत कुमार के साथ की गई।  सुनीता देवी ने बताया कि उनकी बेटी की शादी अप्रैल में अजीत से होने वाली थी।

मगर, इसी बीच उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद डॉक्टर ने उन्हें चंद दिनों का मेहमान बता दिया था और इसी वजह से वह मरने से पहले अपनी बेटी के हाथ पीला होते देखना चाहती थीं। आज बेटी की शादी की रस्म अदायगी करके उन्होंने अपने अधूरे काम को पूरा कर लिया है।  सुनीता देवी ने कहा कि अब उन्हें मौत भी आ जाए, तो कोई गम नहीं रहेगा।

INPUT : FIRST BIHAR

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