जिले में 23 विद्यालय बिना भूमि व भवन के ही स्थापित कर दिए गए थे. यह सुनकर हर किसी को थोड़ा अजीब लगेगा. सोचने वाली बात है कि जब भूमि उपलब्ध ही नही था, स्कूल की कल्पना कैसे कर ली गई. इतना ही नही, सबकुछ जानते हुए विभाग ने बिना भूमि और भवन के स्कूल खोलने की स्वीकृति दे दी थी और ये विद्यालय जहां-तहां जैसे-तैसे संचालित हो रहे थे.

नौनिहालों का भविष्य संवारने को विभाग द्वारा बिना भूमि के स्कूल खोला गया था. रोचक बात यह कि इन 23 विद्यालयों में से अधिकतर शहर में ही है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर अब उक्त स्कूलों को दूसरे प्राथमिक/मध्य विद्यालयों में मर्ज कर दिया गया है.

इस आशय का पत्र और स्कूलों की सूची डीईओ द्वारा जारी कर दी गई है। पत्र में यह क्लियर कर दिया गया है कि भूमि और भवनहीन कौन सा प्राथमिक स्कूल किस विद्यालय में विलय होगा. कहा गया है कि ये स्कूल अब मूल विद्यालय (जिसमें विलय होगा) के नाम से ही जाने जायेंगे.

विलय के बाद वरीय शिक्षक ही प्रधान शिक्षक के प्रभार में रहेंगे. शिक्षकों की कमी को दूर किया जायेगा. पत्र में डीईओ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भूमि और भवन उपलब्ध होने पर इन स्कूलों के बारे में निर्णय लिया जायेगा.

जिन भूमि और भवनहीन विद्यालयों का विलय किया गया है, उनमें क्रमशः प्राथमिक विद्यालय दलित टोला राजोपट्टी, प्राथमिक विद्यालय प्रताप नगर, प्राथमिक विद्यालय अंसारी टोला मझौलिया, प्राथमिक विद्यालय माधोपुर रौशन, प्राथमिक विद्यालय कोर्ट बाजार वार्ड 30, प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर वार्ड दो, प्राथमिक विद्यालय मुर्गियाचक उर्दू, प्राथमिक विद्यालय पानापुर, प्राथमिक विद्यालय भूपभैरों गिरी टोला, प्राथमिक विद्यालय भवदेपुर वार्ड नौ, प्राथमिक विद्यालय नया लाइन वार्ड 10, प्राथमिक विद्यालय नेहरू अनाथालय, प्राथमिक विद्यालय x मेहसौल वार्ड 22 शामिल है.

उक्त स्कूलों के आलावा अन्य स्कूल जिसे विलय किया गया है, उनमें क्रमशः प्राथमिक विद्यालय कोर्ट बाजार वार्ड 14, प्राथमिक विद्यालय रिखौली ततमा टोला, प्राथमिक विद्यालय भटौलिया, प्राथमिक विद्यालय भासर गोट महारानी स्थान, प्राथमिक विद्यालय वार्ड 16, प्राथमिक विद्यालय बिहार बिन टोला, प्राथमिक विद्यालय भीसा वार्ड सात, प्राथमिक विद्यालय वार्ड आठ यादव टोला और प्राथमिक विद्यालय बेलसंड वार्ड दो समेत अन्य स्कूल शामिल है.

INPUT : PRABHAT KHABAR