अगले दो – तीन सालों में बिहार के अलग-अलग जिलों की कनेक्टिविटी और भी बेहतर होगी। वर्तमान में ही एक जिले से दूसरे जिले और अलग-अलग शहरों को जोड़ने वाली सड़कें काफी अच्छी हो चुकी है। इसके अलावा अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय बिहार में कई एक्सप्रेसवे भी बनाने जा रहा है। उत्तर बिहार से गुजरने वाले दो एक्सप्रेसवे इस क्षेत्र के विकास को गति प्रदान करेंगे।

10 किलोमीटर लंबे पुल का होगा निर्माण।

बता दें कि पहला एक्सप्रेस-वे गोरखपुर-सिलीगुड़ी के बीच बनेगा। इसकी लंबाई करीब 520 किमी होगी. इससे गंडक नदी के बैरिया अलपाहा के पास दस किमी लंबा पुल बनेगा। पुल के बन जाने से यूपी, दिल्ली जाना आसान तो होगा ही पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी लोगों को गोरखपुर जाने में कम समय लगेगा। यह सड़क नेपाल सीमावर्ती जिलों शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल आदि होकर सिलीगुड़ी तक जायेगी।

रक्सौल से हल्दिया एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण।

वहीं दूसरे एक्सप्रेस-वे से व्यापारिक समृद्धि बढ़ेगी। यह एक्सप्रेस-वे गेटवे ऑफ नेपाल कहे जाने रक्सौल से निकल कर मुजफ्फरपुर, सारण, झारखंड होकर पश्चिम बंगाल के हल्दिया ड्राइपोर्ट तक जायेगा। नेपाल के लिए तीसरे देशों से आने वाला अधिकांश सामान हल्दिया बंदरगाह से रक्सौल लैंड ड्राइपोर्ट पहुंचता है, जो अब सीधे एक्सप्रेस-वेके माध्यम से रक्सौल पहुंचेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद सड़क किनारे कई व्यापारिक प्रतिष्ठान, होटल, ढाबा, पेट्रोल पंप खुलेंगे और लोगों की जमीने भी महंगी हो जाएंगी।

सर्वे का चल रहा काम।

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के परियोजना निदेशक अमरेश कुमार शर्मा ने बताया कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे यूपी के कुशीनगर से पुल हो कर गंडक पार कर बैरिया के अल्पाहा टोले में प्रवेश करेगा, जो पूर्वी चंपारण के वृतिया टोला होते शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल होते हुए सिलीगुड़ी तक जायेगा। वर्तमान में गंडक नदी पुल के सर्वे का काम चल रहा है।