अपनी आय से ज्यादा की संपत्ति अर्जित करने और संपत्ति को सरकार से छिपाने के आरोप में बिहार के एक आईएएस अधिकारी पर गाज गिरी है. राज्य सरकार ने आरोपी आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके वेतन में कटौती कर दी है.

बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक आरोपी आईएएस अधिकारी के वेतन को एक साल के लिए एक ग्रेड कम दिया गया है. बिहार सरकार ने ये कार्रवाई 2007 बैच के आईएएस अधिकारी दीपक आनंद के खिलाफ की है.

वैसे दीपक आनंद औऱ उनकी पत्नी के खिलाफ पहले ही आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला चल रहा है. विशेष आर्थिक इकाई ने 2 जनवरी 2018 को ही दीपक आनंद औऱ उनकी पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस केस के दर्ज होने के बाद दीपक आनंद को निलंबित कर दिया गया था औऱ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी थी.

दीपक आनंद औऱ उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज मामले में ये आरोप लगाया गया है कि पति-पत्नी की जितनी आय है उससे ज्यादा की संपत्ति उन्होंने अर्जित की है. ये संपत्ति दीपक आनंद के परिजनों के नाम से अर्जित की गयी हैं.

आर्थिक अपराध इकाई के मुताबिक दीपक आनंद ने पटना के फुलवारी शरीफ में अपने पिता के नाम पर एक प्लॉट खरीदा था. इस प्लॉट को खऱीदने के दीपक आनंद ने अपनी पत्नी शिखा रानी के बैंक खाते से 30 लाख रूपये चेक से भुगतान किया.

सरकार ने दीपक आनंद के खिलाफ कई औऱ गड़बडी पकड़ी हैं. केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक देश के हर आईएएस अधिकारी को हर साल 31 दिसंबर को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होता है. दीपक आनंद पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संपत्ति की घोषणा में गलत जानकारी दी.

उन्होंने साल 2008 से 2010 और साल 2015-16 में अपनी चल औऱ अचल संपत्ति शून्य बतायी. जबकि उन्होंने इसी बीच पीएन मॉल में एक दुकान खरीदी. दीपक आनंद ने संपत्ति के ब्योरे में पत्नी के नाम पर एसबीआई बैंक से लिया गया लोन, पीएम मॉल की दुकान से आय़े किराये, बीमा पॉलिसी के लिए 12 लाख रूपये के भुगतान आदि की जानकारी ही नहीं दी.

IAS दीपक आनंद पर लगे आऱोपों की जांच यूपीएससी ने भी की थी. यूपीएससी ने अपनी जांच में उनके खिलाफ लगे आऱोपों को आंशिक तौर पर सही माना था औऱ उनके वेतन में एक ग्रेड की कटौती करने की अनुशंसा की थी. उसके बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई की है.

INPUT : FIRST BIHAR