मानहानि मामले में 2 साल की सजा के बाद लोकसभा सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अब बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया है.

जिस दिन नोटिस जारी हुआ है, उस दिन से 30 दिन के भीतर उनको बंगला खाली करने को कहा गया है. यानी राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने को कहा गया है. राहुल गांधी को यह बंगला साल 2014 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से जीतने के बाद आवंटित किया गया था. सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उन्हें लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया था. हालांकि सूरत की अदालत ने तत्काल जमानत देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था.

पिछले दिनों शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था, चूंकि राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, इसलिए वह सरकारी आवास के हकदार नहीं हैं. नियमों के अनुसार, उन्हें अयोग्यता आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर अपना आधिकारिक बंगला खाली करना होगा.”

पिछले दिनों शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था, चूंकि राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, इसलिए वह सरकारी आवास के हकदार नहीं हैं. नियमों के अनुसार, उन्हें अयोग्यता आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर अपना आधिकारिक बंगला खाली करना होगा.”

बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को जुलाई 2020 में लोधी एस्टेट स्थित अपना आधिकारिक बंगला खाली करना पड़ा था क्योंकि सुरक्षा कम किए जाने के बाद वह इसके योग्य नहीं थीं. वहीं कांग्रेस ने कहा है कि वह राहुल गांधी की सजा और अयोग्यता के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ेगी. अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे जब तक कि ऊपरी अदालत उनकी सजा पर रोक नहीं लगा देती. इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा था कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन है. उसने कहा था कि लड़ाई कानूनी और राजनीतिक दोनों तरीके से लड़ी जाएगी.