बिहार सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में आवेदन के लिए पोर्टल खुल चुका है. ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर निर्धारित है. अपना उद्यम स्थापित करने को इच्छुक इंटर पास कर चुके युवक और युवतियां आवश्यक कागजात के साथ विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं.

इस योजना में उन्हें विभिन्न प्रकार के उद्यम स्थापित करने के लिए सरकार लोन देती है, जिसमें लोन राशि का 50 प्रतिशत अनुदान है, शेष राशि को बिना ब्याज सात वर्षों में चुकाना है. सरकार की यह योजना अपना उद्यम स्थापित करने वालों के लिए काफी कारगर है.

मालूम हो कि सरकार ने शिक्षित बेराेजगार युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत वर्ष 2021 में की थी. उस वक्त सभी योजनाओं के लिए दस-दस लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी थी.

लेकिन वर्तमान में सरकार ने योजनाओं का फिर से आकलन कराकर विभिन्न योजनाओं के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित की है. इंटर पास कर चुके 18 से 50 वर्ष के व्यक्ति इस योजना में आवेदन कर सकते हैं. योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 15 सितंबर से प्रारंभ हो गयी है.

इन कागजातों के साथ कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन

– आधार कार्ड

– पैन कार्ड

– शैक्षणिक योग्यता का प्रमाणपत्र, मैट्रिक का अंकपत्र अनिवार्य

– जाति प्रमाणपत्र

– आवासीय प्रमाणपत्र

– बैंक खाता और केंसिल चेक

– फोटो

इन योजनाओं के लिए कर सकते हैं आवेदन

– मुर्गी दाना और पशु दाना निर्माण

– आटा, बेसन और तेल मील

– मखाना प्रोसेसिंग

– बेकरी प्रोडक्ट

– आइस्क्रीम, जैम, जैली, पोहा निर्माण

– फ्रूट जूस, हनी, कार्न फलेक्स निर्माण

– कूलर निर्माण और फ्लैक्स प्रिंटिंग

– साइबर कैफे

– लकड़ी, लोहा, स्टील आदि के फर्नीचर निर्माण

– चर्म उद्योग आदि सहित कुल 58 तरह की योजनाओं के लिए योग्यता रखने वाले आवेदक आवेदन कर सकते हैं.

सीएम उद्यमी योजना में सामने आये फर्जी लाभार्थी

राज्य में संचालित सीएम उद्यमी योजना में फर्जी लाभार्थी सामने आ रहे हैं. दरअसल यह ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्होंने लोन की किस्तें लेने के बाद उत्पादन शुरू नहीं किया. लाभार्थियों के प्रोजेक्ट स्थल पर सत्यापन के लिए मौके पर पहुंचे अफसरों को वहां फैक्टरी/ मशीन तक नहीं मिली. ऐसे छद्म या फर्जी लाभार्थियों से रिकवरी और उनके खिलाफ एफआइआर कराने की तैयारी चल रही है. उद्योग विभाग ने राज्य स्तर पर ऐसी जांच के आदेश सक्षम अधिकारियों को दिये हैं.

12 मामलों में रिकवरी व एफआइआर की तैयारी

इस तरह के मामलों की पुष्टि उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौंड्रिक ने सोमवार को की है. पौंड्रिक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर बताया है कि बेगूसराय, गया और दरभंगा जिलों में सत्यापन के लिए मुख्यालय से जांच दल भेजे गये. जांच के दौरान यहां 12 ऐसे लाभार्थी मिले, जिन्होंने राशि का दुरुपयोग किया. इन लोगो पर राशि की वसूली और केस दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. अब अन्य जिलों में जांच जारी है.

राशि के हड़पने की पुख्ता जानकारी मिली

इधर, जांच के लिए मुख्यालय से जिलों से भेजे गये अधिकारियों को सीतामढ़ी व जहानाबाद और कुछ एक अन्य जिलों में इस योजना की राशि के हड़पने की पुख्ता जानकारी मिल रही है. अधिकारियों का कहना है कि इसमें कुछ विभागीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों की लापरवाही भी सामने आ रही है. कुल मिला कर करीब 20 से 25 के बीच ऐसे मामले निकल कर आ रहे हैं.

आधिकारिक सू्त्रों के मुताबिक सीएम उद्यमी योजना में वाणिज्य कर विभाग से भी जांच करायी गयी. दरअसल कुछ उद्यमियों ने मशीन खरीदी में फर्जीवाड़ा किया. विभाग को विपत्र दिखा दिया. असल में मशीन की खरीदी की ही नहीं गयी. वाणिज्यकर विभाग की जांच में ऐसे कुछ मामले सामने आये हैं. फिलहाल विभाग इस मामले में सख्त हो गया है. ऐसे मामलों की व्यापक जांच करायी जा रही है.

INPUT : PRABHAT KHABAR