गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के रूप में बिहार को एक और एक्सप्रेस-वे मिल गया है. राज्य का यह चौथा एक्सप्रेस-वे होगा. यह एक्सप्रेस-वे बिहार के कई जिलों से होकर गुजरेगा. इससे बिहार के लोगों को दोनों तरफ आने-जाने में काफी आसानी होगी. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का 416 किलोमीटर हिस्सा बिहार में बनेगा. केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की सहमति दे दी है, जिसके बाद पथ निर्माण विभाग ने एक्सप्रेस-वे के काम की कार्रवाई शुरू कर दी है.

बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से सबसे अधिक बिहार को लाभ होगा. विशेषकर उत्तर बिहार के लिए यह सड़क वरदान साबित होगा. इससे लोगों का सफर आसान होगा और विकास के नए रास्ते खुलेंगे.

इस समय गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच कोई सीधी सड़क नहीं है. अभी गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी तय करने में एक दिन तक लग जा रहा है, जबकि एक्सप्रेस-वे से दूरी घटकर 600 किलोमीटर से भी कम हो जाएगी. छह-आठ लेन की बनने वाला ये एक्सप्रेस-वे सड़क लगभग 416 किलोमीटर बिहार से होकर गुजरेगा.

प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे गोरखपुर से शुरू होकर बिहार के गोपालगंज में प्रवेश करेगा. इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा. सड़क का एलाइनमेंट इस तरह तय किया जाएगा कि यह एक्सप्रेस-वे गोरखपुर से सीधे सिलीगुड़ी तक जाए. जमीन अधिग्रहण में समस्या नहीं हो इसके लिए आबादी से हटकर इस सड़क का निर्माण होगा.

यह रोड बिहार का चौथा एक्सप्रेस-वे होगा. इससे पहले औरंगाबाद से जयनगर के बीच एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. दूसरा एक्सप्रेस-वे रक्सौल से पटना होते हुए कोलकाता तक का होगा. तीसरा एक्सप्रेस वे बक्सर से भागलपुर के बीच बन रहा हैv