चीन में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद बिहार भी अलर्ट मोड में दिख रहा है। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा है कि, राज्य के लोगों से कहा है कि कोरोना को लेकर घबराएं नहीं। हालांकि, कोरोना को लेकर पूरी तरह अलर्ट रहने को कहा है। इसके साथ ही उन्होंने बाहर से आने वाले लोगों की रैंडम जांच और कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ टीकाकरण में भी तेजी लाने के निर्देश दिये।

इसके साथ ही पटना के सिविल सर्जन, पीएमसीएच के अधीक्षक, आइजीआइएमएस के निदेशक समेत अन्य सरकारी अस्पतालों के जिम्मेदार अधिकारी ने अपने सीनियर डॉक्टरों व प्रभारियों के साथ बैठ कर स्वास्थ्य विभाग की नयी एडवाइजरी को प्रमुखता से लागू करने का निर्देश जारी किया है।

नयी एडवाइजरी में तय किया गया है कि अगर कोरोना के मामले बढ़ते हैं, तो डॉक्टरों व स्टाफ की छुट्टियां रद्द हो जायेंगी। अगर इस दौरान कुछ लोग छुट्टी पर हैं तो उन्हें 48 घंटे के अंदर अस्पताल में काम पर लौटना होगा। यह नियम सभी सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लिए लागू किया जायेगा। इसके साथ ही अस्पतालों में दवा के साथ-साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता पर्याप्त रखने और ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह फंक्शनल रखने को कहा। साथ ही अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिये।

इसके अलावा जो एडवाइजरी जारी की गई है उसके मुताबिक सभी सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क का प्रयोग करने को कहा गया है। ओपीडी या इमरजेंसी में सोशल डिस्टैंसिंग बनाकर रखने को कहा गया है। इसके साथ ही लैब, ओपीडी आदि जगहों पर भीड़ से बचना है। विदेश या दूसरे राज्यों से यात्रा कर आये मरीज पर विशेष नजर रख कर इलाज करने को कहा गया है।



इसके साथ ही बुखार, गले में खराश, खांसी आदि लक्षण मिलते ही तुरंत कोविड जांच करवाने, साबुन और पानी या सैनिटाइजर से नियमित रूप से हाथ धोने को कहा गया है। इसके साथ ही एहतियाती खुराक सहित कोविड टीकाकरण जल्द से जल्द करवाएं। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की ओर से जारी सरकारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा गया है।