Bihar के रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन की रजिस्ट्री करने-कराने वाले को सरकार से मिल रही एक बड़ी सहूलियत केवल डेढ़ महीने में ही बंद कर दी गयी. दरअसल, दस्तावेज निबंधन के लिए पक्षकारों व अन्य संबंधितों को निबंधन कार्यालय तक लाने-ले जाने के लिए शुरू की गयी नि:शुल्क ‘रजिस्ट्री शटल’ फेरी वाहन सेवा मात्र डेढ़ महीने ही चल सकी.

लोगों का अपेक्षित रिस्पांस नहीं मिलने से इस सेवा को एक नवंबर 2022 के प्रभाव से पूरी तरह बंद कर दिया गया. 19 सितंबर से सूबे के सभी निबंधन कार्यालयों में आधिकारिक रूप से ‘रजिस्ट्री शटल’ की शुरुआत हुई थी. हालांकि, पटना के बाढ़ और बिक्रम तथा मुजफ्फरपुर के पारू और कटरा अवर निबंधन कार्यालयों में उससे एक हफ्ते पूर्व ही यह सेवा शुरू कर दी गयी थी.

वाहनों को नहीं मिल रहे थे यात्री
रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों को आने-जाने व ऑफिस के अंदर होने वाली परेशानियों को देखते हुए फेरी बस सेवा शुरू की गयी थी. इसके तहत लोगों को दिये जाने वाले अप्वाइंटमेंट के समय ही उनको अपने क्षेत्र से निबंधन कार्यालय तक आने-जाने के लिए नि:शुल्क वाहन की सुविधा देने की अनुमति दी जाती थी.

अनुमति लेने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर बस का रूट और उसके आने-जाने की टाइमिंग की सूचना दे दी जाती थी. लेकिन, देखा जा रहा था कि 75 फीसदी से अधिक लोग अपने निजी या भाड़े के वाहन से ही निबंधन कार्यालय पहुंचना चाह रहे थे. हालांकि, वापसी के समय बसों में पर्याप्त भीड़ होती थी. बसों के खाली परिचालन होने पर विभाग ने इसे बंद करने का निर्णय लिया.

धीरे-धीरे घटते चले गये सवारी
निबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शुरुआत में बसों में ठीक-ठाक लोग आ-जा रहे थे. क्रेता-विक्रेता के साथ गवाह के रूप में भी चार-पांच लोग साथ होते थे. इसके चलते कुछ निबंधन कार्यालयों को दो से तीन मिनी बसें भी चलानी पड़ी. लेकिन धीरे-धीरे इसके यात्री लगातार घटते चले गये. यात्री नहीं मिलने की वजह से कुछ जिलों में यह सेवा पहले ही बंद कर दी गयी थी.

INPUT : PRABHAT KHABAR