पूरी देश और दुनिया दीपावली का उत्सव मना रही है लेकिन सीतामढ़ी जिले के 40 हजार के करीब ऐसे काश्तकार है जिनका बकाया भुगतान नहीं होने से इस बार भी फीकी दिवाली मानेंगी. कारण, रीगा चीनी मिल द्वारा 40 हज़ार काश्तकारों के बकाया का भुगतान ना करना है.

एक उत्पादक संघ कोर कमेटी के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि दीपावली होने के बावजूद काश्तकारों के घर खुशियां नहीं आई है. रीगा चीनी मिल बंद होने से पहले से ही सभी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और पिछला भुगतान नहीं होने से परेशानी और बढ़ गई है.

उन्होंने काश्तकारों के हितों पर कुठाराघात करने पर सरकार के चीनी उद्योग विभाग की घोर निंदा की है. मिल मालिक और विभागीय अधिकारियों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की गई है. पूरा महकमा मिल को चालू कराने में रुचि लेने के बजाय मिल की खरीद-बिक्री में लगा हुआ है.

बताते चलें कि रीगा चीनी मिल प्रबंधक द्वारा मिल चलाने पर असमर्थता जताने के बाद मामला कंपनी ट्रिब्यूनल न्यायालय में चल रहा है. मिलकर फाइनेंस कंपनी की ओर से दायर मुकदमे में नील को नीलाम कर रकम वसूली की गुजारिश की गई है जिसपर सुनवाई जारी है. इसी बीच किसानों के गन्ना भुगतान का बकाया वर्षों से लंबित है जिस पर किसी की कोई नजर नहीं है.

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