रेलवे सहित बड़ी कंपनियों को बिहार में ओपेन एक्सेस यानि खुले बाजार से बिजली की खरीद महंगी पड़ेगी. इसके एवज में उनको डेढ़ गुणा तक अधिक बिजली दर के साथ ही बढ़ी हुई क्रॉस सब्सिडी का भुगतान करना पड़ सकता है. बिजली आपूर्ति कंपनियों साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग को ओपेन एक्सेस, व्हीलिंग चार्ज और क्रॉस सब्सिडी के रूप में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है.

इस प्रस्ताव पर बिहार विद्युत विनियामक आयोग बिजली कंपनी सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय लेगा. दरअसल बिजली कंपनियां सामान्य रूप से बिजली खरीद कर अलग-अलग श्रेणियों के ग्राहकों को अलग-अलग निर्धारित दर पर बिजली मुहैया कराती है.

लेकिन, रेलवे सहित कई बड़ी इकाइयों को दूसरे माध्यम से सस्ती बिजली ऑफर होती है. इस बिजली को प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा बिजली कंपनियों के नेटवर्क और ट्रांसमिशन सुविधाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिस पर बिजली कंपनी ओपन एक्सेस या व्हीलिंग चार्ज वसूलती है.

वर्तमान में 33 केवी लाइन पर व्हीलिंग चार्ज 47.22 पैसा प्रति किलोवाट है, जिसे बढ़ा कर 60 पैसा प्रति किलोवाट किये जाने का प्रस्ताव है. इसी तरह, 11 केवी लाइन पर व्हीलिंग चार्ज 51.29 पैसा प्रति किलोवाट से 63 पैसा प्रति किलोवाट किये जाने का प्रस्ताव दिया गया है. बिजली कंपनियों ने ओपन एक्सेस से ली जाने वाली बिजली पर क्रॉस सब्सिडी चार्ज भी बढ़ाने की मांग आयोग से की है.

इसके तहत 132 केवी लाइन पर 1.81 पैसा प्रति किलोवाट से 2.61 पैसा प्रति किलोवाट, 33 केवी लाइन पर 1.86 पैसा प्रति किलोवाट से 2.83 पैसा प्रति किलोवाट, 11 केवी लाइन पर 1.96 पैसा प्रति किलोवाट से 2.95 पैसा प्रति किलोवाट और एचटीएसएस (33 केवी) लाइन पर 1.35 पैसा प्रति किलोवाट से बढ़ा कर 2.00 पैसा प्रति किलोवाट किये जाने का प्रस्ताव है. वर्तमान में रेलवे ओपन एक्सेस से बिजली खरीदने वाला सबसे बड़ा उपभोक्ता है. इसके साथ ही कई सीमेंट कंपनियां और बड़े औद्योगिक प्लांट भी ओपन एक्सेस के माध्यम से बिजली लेते हैं.

INPUT : PRABHAT KHABAR