बिहार के जिस वाइस चांसलर पर सरकारी पैसे की लूट का आरोप लगा उसी को राज्यपाल फागू चौहान ने बेस्ट कुलपति का अवार्ड दे दिया है. हद देखिये कि जिस दिन मीडिया से लेकर पूरे शिक्षा जगत में आरोपी कुलपति के कारनामों की चर्चा हो रही थी, उसी दिन यानि 23 नवंबर को राजभवन में सम्मान समारोह आयोजित कर अवार्ड दिया गया. राजभवन के कारनामों से भारी नाराज बिहार सरकार के मंत्री औऱ पदाधिकारियों ने इस सम्मान समारोह का बहिष्कार कर दिया. अब खबर ये आ रही है कि नीतीश कुमार की शिकायत के बाद बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को दिल्ली तलब किया गया है. फागू चौहान आज दिल्ली जा सकते हैं.

राजभवन की मर्यादा तार-तार

हम आपको बता दें कि कल यानि मंगलवार को बिहार के राजभवन में चांसलर अवार्ड समारोह में बेस्ट कुलपति के तौर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र प्रसाद सिंह को अवार्ड दिया गया. राजभवन ने ये कारनामा ठीक उसी दिन किया जिस दिन सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारनामों के उजागर होने के बाद बिहार का उच्च शिक्षा जगत हतप्रभ था. मीडिया में सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारमानों की चर्चा हो रही थी लेकिन राजभवन ने तमाम आरोपों को दरकिनार कर सुरेंद्र प्रसाद सिंह का अवार्ड दे दिया.

बिहार सरकार ने बहिष्कार किया

राजभवन के चांसलर अवार्ड समारोह में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी औऱ शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को शामिल होना था. लेकिन राजभवन की करतूतों से सख्त नाराज बिहार सरकार ने इस समारोह का बहिष्कार कर दिया. अवार्ड समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी या शिक्षा विभाग के पदाधिकारी शामिल नहीं हुए. लेकिन राजभवन पर इसका कोई असर नहीं पडा.

नीतीश की शिकायत पर राज्यपाल दिल्ली तलब

उधर सरकार के अंदर हो रही चर्चाओं के मुताबिक बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को बुधवार को दिल्ली तलब किया गया है. दरअसल बिहार के विश्वविद्यालयों में भारी भ्रष्टाचार की कहानिय़ां सामने आने औऱ उनका लिंक राजभवन से जुडने के बाद राज्यपाल की शिकायत दिल्ली दरबार में किये जाने की खबर है. हालांकि सरकारी स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हो रही है लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को बिहार के राज्यपाल के कारनामों की खबर दी है. इसमें मगध विश्वविद्यालय के वीसी राजेंद्र प्रसाद के काले कारनामों से लेकर मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी सुरेंद्र प्रसाद सिंह की करतूत और राजभवन से उनके लिंक की जानकारी दी गयी है. इसके बाद राज्यपाल को दिल्ली तलब किये जाने की खबर है. फागू चौहान बुधवार को दिल्ली जा सकते हैं.

दागी कुलपति को सम्मान

हम आपको बता दें कि मंगलवार को जब मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी सुरेंद्र प्रसाद सिंह को राज्यपाल ने बेस्ट कुलपति का अवार्ड दिया उससे पहले सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारनामे जगजाहिर हो चुके थे. मामला पटना के मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के VC प्रोफेसर कुद्दुस के पत्र से सामने आया. मो. कुद्दुस ने कुछ दिनों पहले तक उस यूनिवर्सिटी के प्रभारी वीसी रहे सुरेंद्र प्रसाद सिंह के कारनामों की पोल खोलते हुए  CM नीतीश कुमार को पत्र लिख दिया है. सुरेंद्र प्रसाद सिंह फिलहाल ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के VC हैं लेकिन कुछ महीने पहले तक वे अरबी फारसी वि.वि. के भी प्रभारी कुलपति थे. 

सुरेंद्र प्रसाद सिंह पर भारी लूट खसोट का आरोप

अरबी फारसी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर कुद्दुस ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें 19 अगस्त 2021 को यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के तौर पर पदभार ग्रहण करना था. वे जॉइन करने पहुंचे लेकिन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार मो हबीबुर रहमान ने उन्हें चार दिनों तक जॉइन करने से रोक दिया. इस बीच प्रभारी कुलपति सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने लाखों रूपये की हेराफेरी वाले कई फैसले किये. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने  लखनऊ की एक एजेंसी को दोगुने दामों में आंसर शीट छापने के टेंडर दे दिया. पटना की एक खास एजेंसी के जरिए आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति में भी भारी घोटाला किया गया. यूनिवर्सिटी के दूसरे काम में लूट का खुला खेल चला. प्रो. कुद्दुस के पत्र के मुताबिक पहले उत्तर पुस्तिका की छपाई 7 रूपये प्रति कॉपी होती थी. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने 16 रूपये प्रति कॉपी की दर से 1 लाख 60 हजार कॉपी छापने का आर्डर दे दिया. बाद में कॉपी छापने वाली एजेंसी ने 28 रूपये प्रति कॉपी की दर से बिल भेजा. 

राजभवन से जुड़ा था भ्रष्टाचार का लिंक

अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दुस ने अपने पत्र में लिखा है कि उन पर राजभवन के नाम पर इस भारी लूटपाट वाले बिल के भुगतान का दवाब बनाया जा रहा है.  इस खेल में उनके साथ अतुल श्रीवास्तव नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है. कुलपति ने उसके दो मोबाइल नंबरों का जिक्र करते हुए पत्र में लिखा है कि अतुल श्रीवास्तव राजभवन के नाम पर बिल का पेमेंट करने के लिए लगातार दबाव बना रहा है. 

सुरेंद्र प्रसाद सिंह के और भी हैं खेल

राजभवन की सुरेंद्र प्रसाद सिंह पर खासी मेहरबानी रही है. बिहार सरकार की स्पेशल विजलेंस यूनिट ने अभी ही मगध विश्वविद्यालय के वीसी राजेंद्र प्रसाद के काले कारनामों को उजागर करते हुए करोड़ों की संपत्ति बरामद की है. राजेंद्र प्रसाद पर पहले से ही आरोप लग रहे थे. बिहार के राजभवन ने राजेंद्र प्रसाद के कारनामों की जांच के लिए एक कमेटी बनायी थी औऱ उसका जिम्मा मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र प्रसाद सिंह को सौंप दिया था. सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने राजेंद्र प्रसाद के बेदाग होने का सर्टिफिकेट दे दिया था.