बिहार विधान परिषद (Bihar MLC Election) की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर बिहार सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. बिहार में गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस ने भी अब सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. वहीं सूत्रों का कहना है कांग्रेस के पास हर सीट पर प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं. रोहतास से कोई आवदेन नहीं आने पर पार्टी के सीनियर नेताओं ने कोलकत्ता से अपने ही पार्टी के एक नेता को चुनाव लड़ने के लिए प्रस्ताव दिया है. लेकिन उन्होंने भी चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है. यह स्थिति सिर्फ रोहतास की ही नहीं है, बिहार के कई जगह की हैं, जहां कांग्रेस को अपने प्रत्याशी चुनने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इधर, विधायक दल के नेता अजीत शर्मा दावा करते हैं कि कांग्रेस बिहार विधान परिषद की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसको लेकर हमारी तैयारी चल रही है. 6 फरवरी तक हम लोग पहली लिस्ट भी जारी कर देंगे. विधान परिषद के 24 सीटों पर गठबंधन को लेकर कांग्रेस राजद के पहल की बाट जोहती रही . इधर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने वाम दलों के साथ मिलकर सभी 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को जब इसकी भनक लगी तब पार्टी के वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे. लेकिन , लालू प्रसाद कांग्रेस नेता से नहीं मिले. कांग्रेसी एक सप्ताह तक मिलने की बाट जोहने के बाद वापस पटना लौट आए.

क्यों नाराज हैं तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव कांग्रेस से नाराज हैं. इस बात की चर्चा वे अपने लोगों के बीच कई बार कर चुके हैं. तेजस्वी यादव के आसपास रहने वाले राजद नेताओं की माने तो वह अब कांग्रेस के साथ अपना गठबंधन नहीं रखना चाहते हैं. उनका मानना है कि राजद को कांग्रेस का वोट नहीं मिलता है. जबकि कांग्रेस को राजद का पूरा वोट मिलता है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का क्या लाभ है. यही कारण है कि विदेश से लौटने के साथ ही तेजस्वी ने साफ कर दिया कि वह बिहार में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं देंगे. दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा कि कांग्रेस के साथ उनका गठबंधन केंद्र में है. बिहार में अभी ऐसा कोई चुनाव नहीं है. दो सीटों पर उपचुनाव में आरजेडी गठबंधन करने के लिए तैयार था, लेकिन कांगेस से सकारात्मक सहयोग नहीं मिला. तेजस्वी ने यह भी साफ कर दिया कि वामदलों के साथ मिलकर उन्होंने विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी पहले ही तय कर दिए हैं. आरजेडी और वाम दल अपने दम पर विधान परिषद चुनाव लड़ेंगे.

राजद ने बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन के समय कांग्रेस को विधान परिषद में 6 सीट देने का अश्वासन दिया था. कांग्रेस इसको लेकर अड़ी हुई थी. लेकिन राजद कांग्रेस को तीन से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं थी. इससे नाराज तेजस्वी ने एक सप्ताह पूर्व ही विधान परिषद की 18 सीटों पर अपने प्रत्याशी तय कर दिए थे. इसकी भनक लगने के बाद कांग्रेस नेता तेजस्वी यादव से बात करने का कई बार प्रयास किया. लेकिन उनकी बात नहीं हो सकीं. इसके बाद कांग्रेस नेता दिल्ली में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पास अपनी गुहार लेकर गए थे. लेकिन, वहां उनकी मुलाकात लालू से भी नहीं हो पायी.

विधान परिषद में 6 सीटें मांग रही थी कांग्रेस

इस फॉर्मूला पर कांग्रेस चाह रही थी गठबंधन

कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने सीट शेयरिंग फॉर्मूला का सुझाव देते हुए कहा था कि महागठबंधन छोड़ चुके जेडीयू कोटे की 10 सीटें महागठबंदन के सभी घटक दल आपस में बांट लें. विधानसभा में कांग्रेस के पास 19 सीटें हैं. इस आधार पर सीट शेयरिंग के तहत कांग्रेस का 20 प्रतिशत सीटों पर दावा था, जो विधान परिषद में दो सीटें होती हैं. सीटिंग चार सीटों को जोड़ कर कांग्रेस कुल छह सीटें मांग रही थी.

एक साल से रिक्त पड़े हैं सीट

बिहार में जुलाई 2021 से विधान परिषद की 24 सीटें रिक्त हैं. इनमें स्थानीय निकाय प्राधिकार क्षेत्र से कार्यकाल पूरा करने वाले 19 विधान पार्षद हैं तो तीन विधान पार्षद चुनाव लड़कर विधायक बन चुके हैं. दो सीटें विधान पार्षदों के निधन से खाली हो गई हैं. पिछली बार 24 सीटों पर महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रस और जेडीयू ने मिलकर लड़ा था. आरजेडी व जेडीयू ने 10-10 सीटों पर तो कांग्रेस ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था.

भाजपा के वर्तमान सदस्य

राजन कुमार सिंह-औरंगाबाद, संतोष कुमार सिंह-रोहतास कैमूर, सच्चिदानंद राय-सारण, टुन जी पाण्डेय-सिवान, आदित्य नारायण पाण्डेय-गोपालगंज, राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता-पूर्वी चंपारण रजनीश कुमार-बेगूसराय-खगड़िया, नूतन सिंह-सहरसा, मधेपुरा सुपौल, दिलीप कुमार जायसवाल-पूर्णिया अररिया किशनगंज, सुनील कुमार सिंह (मृत्यु) -दरभंगा, हरि नारायण चौधरी (मृत्यु) समस्तीपुर, सुमन महासेठ – मधुबनी, अशोक कुमार अग्रवाल-कटिहार (राजद से आये).

जदयू के वर्तमान सदस्य

रीना देवी-नालंदा, मनोरमा देवी-गया जहानाबाद, सलमान रागीब-नवादा, राधाचरण साह-आरा-बक्सर दिनेश प्रसाद सिंह-मुज़फ्फरपुर, संजय प्रसाद-मुंगेर,शेखपुरा, मनोज यादव-भागलपुर बांका, दिलीप कुमार राय- सीतामढ़ी शिवहर, राजेश राम-पशिम चंपारण (कांग्रेस से आये). (डिस्क्लेमरः ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है.