बेंगलुरू में दो दिनों तक हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक का रिएक्शन बिहार में दिखने लगा है. पहले ही ये खबर आयी थी कि नीतीश कुमार नाराज होकर बेंगलुरू की बैठक से चले आये थे. उसका असर बिहार में दिख गया. आज डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने नीतीश कुमार के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. हद देखिये कि तेजस्वी यादव का विभाग इस सरकारी कार्यक्रम का आयोजक था, लेकिन मेजबान ने अपने ही कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया.

मलमास मेले का तेजस्वी, मेहता ने किया बहिष्कार

दरअसल राजगीर में आज से मलमास मेले की शुरूआत हुई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों इस मेले का उद्घाटन हुआ. इस सरकारी कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ साथ राजद कोटे के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता को मौजूद रहना था. लेकिन दोनों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया. दिलचस्प बात ये है कि राजगीर के मलमास मेले का आयोजक बिहार सरकार का पर्यटन विभाग और भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग हैं. पर्यटन विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव हैं, वहीं भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री आलोक मेहता हैं.

तेजस्वी और आलोक मेहता दोनों इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. जबकि बिहार सरकार ने इस मेले के उद्घाटन कार्यक्रम का जो विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराया था, उसमें तेजस्वी यादव को विशिष्ट अतिथि बताया गया था. वहीं, आलोक मेहता के भी मौजूद रहने की जानकारी विज्ञापन के जरिये दी गयी थी. लेकिन दोनों के दोनों इस कार्यक्रम से गायब रहे.

बेंगलुरू की बैठक का साइड इफेक्ट

राजद से जुडे सूत्र बता रहे हैं कि ये बेंगलुरू की बैठक का साइड इफेक्ट है. बेंगलुरू की बैठक में नीतीश कुमार ने जिस तरह से नाराजगी जतायी वह लालू प्रसाद यादव औऱ तेजस्वी यादव को पसंद नहीं आया. राजद के एक सीनियर नेता ने बताया कि लालू यादव और तेजस्वी यादव बेंगलुरू की बैठक के बाद होने वाले प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होकर पटना वापस लौटना चाहते थे. लेकिन नीतीश कुमार प्रेस कांफ्रेंस से पहले वापस लौटने की जिद पर अड़ गये.

लालू और तेजस्वी इसलिए भी फंस गये थे कि जिस चार्टर प्लेन से वे सब पटना से बेंगलुरू गये थे, उसका अरेजमेंट नीतीश कुमार की पार्टी की ओर किया गया था. जब नीतीश कुमार बेंगलुरू से वापस लौटने की जिद पर अड़ गये तो लालू-तेजस्वी के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं बचा. उन्हें भी मजबूरी में वापस लौटना पड़ा. 

बेंगलुरू की बैठक में नीतीश की नाराजगी को लेकर कई तरह की चर्चायें भी हो रही हैं. आज नीतीश ने सफाई दी कि उन्हें राजगीर आना था इसलिए वे बेंगलुरू से वापस लौट गये. लेकिन इससे मामला और फंस गया. कल बेंगलुरू में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि चूंकि नीतीश कुमार की फ्लाइट का समय हो गया था इसलिए वे प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए बगैर वापस लौट गये. लेकिन नीतीश ने अलग ही बात कह दी. 

खास बात ये भी है कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने इस पूरे प्रकरण पर कुछ नहीं बोला है. तेजस्वी ने मंगलवार को ही विपक्षी बैठक की एक तस्वीर ट्विट की थी. लेकिन उसके बाद लालू परिवार की ओर से विपक्षी बैठक पर कोई बयान नहीं आया है. न ही कोई विपक्षी एकता का कोई दावा किया गया है. ऐसे में बिहार में महागठबंधन में घमासान की अटकलों को और बल मिल रहा है.