बिहार के सीतामढ़ी में बाल-विवाह कराने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। इसमें यूपी के शातिरों का हाथ होना सामने आया है। इस मामले में दुल्हा और उसके पिता, एक महिला व पंडित समेत आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

नाबालिग दुल्हन को मुक्त कराया गया है। एक विशेष अभियान के तहत शुक्रवार रात सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर से एक नाबालिग दुल्हन को मुक्त कराया गया। सहायक बाल-विवाह निषेध पदाधिकारी सह बीडीओ सुनील कुमार ने इस मामले में दुल्हा समेत कुल आठ के विरुद्ध जेजे एक्ट 2015 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है।

विद्यालय के नामांकन पंजी में दुल्हन की जन्मतिथि 1 जनवरी 2010 अंकित है। शुक्रवार रात चाइल्ड हेल्पलाइन सीतामढ़ी और बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने रुन्नीसैदपुर वार्ड सख्या- 07 में बाल विवाह होने की सूचना बीडीओ को दी।

बीडीओ के द्वारा तत्काल ही बालिका को मुक्त कराने हेतु एक टीम गठित कर रवाना किया गया। टीम जबतक मौके पर पहुंची शादी संपन्न हो चुकी थी। दुल्हा शिव कुमार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का रहनेवाला है।


लखीमपुर खीरी का है मास्टरमाइंड

पूछताछ में यह उजागर हुआ कि दुल्हे की पहली शादी वर्ष 2016 में हीं हुई थी। बाल-विवाह गिरोह के मास्टरमाइंड लखीमपुर खीरी के ही मो. इकबाल ने यह शादी तय की थी। शादी के एवज में दुल्हे ने उसे 70 हजार रुपए का भुगतान किया था।

इस धंधे के सहयोगी तरुण कुमार और भगलू प्रसाद उत्तर प्रदेश से एक पिकअप वैन पर सवार होकर रुन्नीसैदपुर पहुंचे थे। पूछताछ में यह भी उजागर हुआ कि मो. इकबाल इससे पहले दर्जनों नाबालिग की शादी करा चुका है। इस मामले में इसके तार रुन्नीसैदपुर निवासी वैद्यनाथ पासवान की पत्नी कांति देवी से जुड़े हैं।

मौके से दुल्हा व उसके सहयोगी के अलावा कांति देवी, दुल्हन के पिता कौशल राम व शादी कराने वाले पंडित सुशील कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के द्वारा पिकअप वैन को जब्त कर लिया गया है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, मुक्त कराई गई नाबालिग दुल्हन को जेजे एक्ट के अनुरूप बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है।

INPUT : JAGRAN