छत्तीसगढ़ के कोरबा में अवैध रेत खनन कर रहे माफिया लाशों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। उनकी JCB शवों पर भी चलने लगी है। हालात यहां तक हो गए हैं कि सीतामढ़ी रेत घाट से 40 कब्रें गायब हैं। कई कब्रें जर्जर हो गईं हैं और गिरने की स्थिति में हैं।

ऐसा तब है, जबकि घाट पर खनन पूरी तरह से बंद है। आरोप है कि खनन विभाग और पुलिस को सब पता है, इसके बावजूद उन्होंने आंख बंद कर रखी है। तस्वीरें उनकी अमानवीयता की कहानी को बयान कर रही हैं। दरअसल, जब लोग अपने परिजनों की कब्र पर पहुंचे तो हैरान रह गए।

सीतामढ़ी घाट किनारे कई लोगों के परिजनों की कब्रें जर्जर हो चुकी थीं। कई कब्रों का तो पता ही नहीं था। धीरे-धीरे बात फैली तो अन्य लोग भी अपने परिजनों की कब्र देखने के लिए पहुंचे। पता चला कि घाट से 30 से 40 कब्रें गायब हैं। कई कब्रें रेत के टीले पर लटक रही थीं, तो कई से शव तक बाहर आ गए थे।

लोगों ने देखा कि घाट पर अवैध रूप से JCB लगाकार रेत खनन किया जा रहा है। रेत घाट पर खनन और अपने परिजनों की कब्रों की हालत देखकर लोग आक्रोशित हो गए। सूचना मिलने पर वार्ड पार्षद भी पहुंच गए। लोगों ने विरोध शुरू किया तो रेत तस्कर ट्रैक्टर लेकर भाग निकले।

इसके बाद सभी लोग कोतवाली पहुंचे और शिकायत देकर मामला दर्ज कराया। लोगों का कहना है कि रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने घाट का गेट तक तोड़ दिया है। नदी से रेत चोरी करते-करते किनारे घाट तक आ गए हैं।

उनके पूर्वजों की कब्र तक नहीं छोड़ रहे। स्थानीय निवासी ऋषभ गिरी गोस्वामी ने बताया कि उसके पिता की मौत हुए 10 साल हो गए हैं। जहां उनकी कब्र बनाई गई थी, वहां से कुछ दिन पहले ही रेत तस्करों ने खुदाई कर कब्र को ही गायब कर दिया है।

उससे वे काफी दुःखी है। उनका कहना है कि हर साल वे अपने परिजनों की समाधि पर पूजा पाठ करने जाते थे। वहीं वार्ड पार्षद सुफल दास मंहत ने चेतावनी दी है कि रेत तस्करों के खिलाफ अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो कोतवाली का घेराव किया जाएगा।

INPUT : AMAR UJALA