बचपन में ही पिता को खोने वाला युवक जिसने अपने पंचायत में भ्रष्टाचारियों के नाक में दम करके रख दिया.

युवक को हतोत्साहित करने की तमाम कोशिशें हुई लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी.

इस लड़ाई में एक बार वह जेल भी गया, जेल से 21 दिन बाद जमानत पर आया तो पुनः भ्रष्टाचारियों के मन में खौफ़ समा गया.

हम बात सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के भूतही पंचायत निवासी यदुवंश पंजियार की कर रहे हैं.

कुछ दिनों पहले मीडिया की सुर्खी बनने वाला यदुवंश इन दिनों पंचायत में सरपंच पद का उम्मीदवार बना है.

सरपंच का चुनाव लड़ने के पीछे की भी कहानी दिलचस्प है. यदुवंश पंजियार ने बताया कि साल 2017 में उसके आपस में जमीनी विवाद को लेकर पंचायत बुलाई गई थी.

पंचायत ने यदुवंश पर 21 हज़ार का जुर्माना लगाया. यदुवंश का कहना है कि वह अपनी जगह ठीक था फिर भी जबरन उस पर जुर्माना लगाया गया.

जुर्माना भरने के बाद उसने इस जुर्माने की रसीद मांगा ली जिसके बाद पूरे पंचायत में हड़कंप मच गया.

यदुवंश ने बताया कि पंचायत द्वारा उसे रसीद नहीं दिया गया तो उसने सीतामढ़ी के डीएम से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय तक गुहार लगाई.

अंत में भी जुर्माने की रसीद नहीं दी गई जिसके बाद यदुवंश ने ठाना कि सबसे पहले उसे गांव की पंचायत में पंचायती की भूमिका बदलनी है.

इसके बाद भुतही पंचायत से सरपंच पद के उम्मीदवार है और लोगों से अपनी जीत के लिए नल छाप (चुनाव चिन्ह) पर वोट मांग रहे हैं.

यदुवंश पंजियार ने स्नातक से मनोविज्ञान की पढ़ाई की है. इसके अलावा डी-एलईडी का कोर्स भी किया है.

यदुवंश ने करीब 3 साल तक पत्रकारिता में भी अपनी पहचान बनाई है.

यदुवंश पंजियार ने प्रखंड स्तर के कई भ्रष्टाचारियों की पोल खोल दी.

यदुवंश ने बीते 2 साल में 12 आरटीआई लगाकर सरकारी योजनाओं में खर्च की गई राशि और उसमें बंदरबांट हुए रुपए के मामलों को भी उजागर किया है.

यदुवंश पंजियार ने बताया कि सरपंच बनने के बाद एक हज़ार रुपए में पंचायती होगी.

15 दिनों में मामले का निपटारा किया जाएगा. इस पंचायती में वकील, ग्राम कचहरी सचिव, उपसरपंच, सरकारी पंच समेत सभी कर्मी बैठेंगे.

उन्होंने कहा कि यह कोई नई घोषणा नहीं है. पंचायती राज व्यवस्था इन्हीं आदर्शों के लिए बनाया गया था जो वह अपने पंचायत में लागू करना चाहते हैं.

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