बिहार में दो सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मीसा भारती बुधवार की शाम ही दिल्ली चले गये। दिपावली से एक दिन पहले लालू परिवार के बिहार से दिल्ली जाने पर जेडीयू ने जमकर हमला बोला है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लालू फैमिली पर निशाना साधा है। ललन सिंह ने लालू परिवार की तुलना साइबेरियन पक्षी से की है।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लालू परिवार पर हमला बोलते हुए कहा कि साइबेरिया में जब बहुत ठंड पड़ती है तब साइबेरियन वर्ड हिन्दुस्तान में प्रवास करने लगता है और जैसे ही यहां भी मौसम बदलने लगता है तो वह वापस चला जाता है। ठीक उसी तरह लालू परिवार भी है। ललन सिंह ने लालू परिवार को एनआरबी यानी नॉन रेजिडेंट बिहारी बताया।

ललन सिंह ने सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच क्या अंतर है यह बताने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि लालू फैमिली का काम पैसे बनाना है। लालू सिर्फ अपना घर भरने की चिंता करते हैं। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरे बिहार की चिंता है बिहार कैसे तरक्की करें और कैसे विकसित राज्य बने इसे लेकर वे दिन रात काम करते हैं। उन्होंने बिहार के विकास के लिए बहुत सारे काम भी किए और कर भी रहे हैं। बिहार की जनता को भी यह बात मालूम है।

तेजस्वी पर हमला बोलते हुए ललन सिंह ने कहा कि उनसे बिहार की जनता क्या उम्मीद कर सकती है। जब जब बिहार में संकट आई वे गायब रहे बात कोरोना काल की करे या फिर बिहार में आई बाढ़ की हर विपदा की घड़ी में तेजस्वी बिहार से नदारद रहे है यह जनता भी देख चुकी है। वे सिर्फ प्रवास के लिए बिहार आते है और जैसे ही प्रवास समाप्त हो जाता है वे दिल्ली के लिए प्रस्थान कर जाते हैं।



वे साइबेरियन बर्डस है उनसे उम्मीद क्या की जा सकती है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता और बिहार के विकास की चिंता है। इसलिए वे दिन-रात लगे रहते हैं। उनका पूरा ध्यान बिहार के विकास पर ही रहता है। हर वक्त वे बिहार के विकास की ही बाते करते हैं। सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को विकसित राज्य बनाने का सपना जल्द पूरा होगा।

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लालू और नीतीश राज की भी तुलना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में बिहार का बजट दो लाख 18 हजार रुपया पहुंच गया है जबकि लालू राज में बिहार का बजट महज 28 हजार करोड़ ही था। लालू के शासनकाल में राजस्व की वसूली उनके खजाने में जाता था जबकि नीतीश के राज में राजस्व की वसूली राज्य में जाता है। लालू की चिंता थी कि कैसे माल बनाए जाए जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता यह है कि कैसे बिहार को विकसित प्रदेश की श्रेणी में लाया जाए।



लालू और नीतीश दोनों में मौलिक अंतर है। ललन सिंह ने कहा कि लालू परिवार से अब किसी तरह का उम्मीद बनाए रखना सही नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास की लहर दौड़ गयी है। ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के समग्र विकास होगा और बिहार एक विकसित प्रदेश के रूप में सामने आएगा।