राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने आने वाले मरीजों को अब पहले से अधिक सुविधा मुहैया करवाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार तत्पर है। इसको लेकर विभाग द्वारा हर रोज कोई न कोई नया निर्णय लिया जा रहा है।

इसी कड़ी में अब जो ताजा जानकारी निकल कर सामने आ रही है, उसके मुताबिक अब राज्य के सभी सरकारी सदर अस्पतालों में स्थानीय भाषा के जानकारों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। राज्य सरकार ने अब यह निर्णय लिया है कि, अब राज्य के सभी अस्पतालों में मरीजों के किसी भी प्रश्न का उत्तर उन्हीं की भाषा में मुहैया कराया जाएगा।

यह व्यवस्था बकायदा स्वास्थ्य की नई संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में शामिल की गई है। इसके लिए अस्पतालों में मगही, भोजपुरी, मैथिली और बज्जिका जैसी भाषाओं के जानकार रखे जाएंगे। दरअसल, पिछले तीन महीनों से स्वास्थ्य विभाग और मंत्री तेजस्वी यादव के तरफ मिशन- 60 चलाकर सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों को निजी अस्पताल जैसे सुविधा देने के लिए कवायद चल रही है।

इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग सबसे अधिक ध्यान डाक्टर, नर्सों की उपस्थिति के साथ दवाओं की उपलब्धता पर है। इस में सुधार के लिए सितंबर महीने में मिशन 60 भी प्रारंभ किया गया है। मिशन 60 के तहत अस्पतालों में कई अहम बदलाव किए गए हैं।

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अस्पतालों में हेल्प डेस्क बनाने और उन पर स्थानीय भाषा के जानकार को बिठाने का फैसला हुआ है। जिसके तहत अब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि अस्तपाल अपने स्तर पर स्थानीय भाषा के जानकार नियुक्त करें।

अस्पताल प्रबंधन को ऐसे कम से कम पांच-पांच जानकार रखने को कहा गया है। विभाग को यह कार्य प्राथमिकता में करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ कहा गया है जल्द से जल्द हेल्प डेस्क की व्यवस्था को प्रभावी बना दिया जाए।

INPUT : FIRST BIHAR