कोलकाता मेट्रो ने बुधवार को एक और इतिहास रच दिया है. लंबे इंतजार के बाद आज देश की पहली मेट्रो हुगली नदी के नीचे दौड़ी है. भारत में पहली बार मेट्रो ने नदी के नीचे यात्रा पूरी की है.

इस मेट्रो रैक ने हुगली नदी को 11 बजकर 55 मिनट पर पार किया है.

इस यात्रा के दौरान मेट्रो रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक एचएन जायसवाल और एमडी केएमआरसीएल के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मेट्रो में मौजूद थे. हावड़ा मैदान स्टेशन पर मेट्रो के पहुंचने पर मेट्रो रेलवे के जनरल मैनेजर पी उदय कुमार रेड्डी ने पूजा की. दरअसल, दो मेट्रो रैक को आज एस्प्लेनेड स्टेशन (Esplanade station) से हावड़ा मैदान स्टेशन ले जाया गया है.

जानकारी के मुताबिक, जल्द ही हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक 4.8 किलोमीटर के भूमिगत खंड पर ट्रायल रन शुरू किया जाएगा. उम्मीद है कि इस खंड पर वाणिज्यिक सेवाएं इस साल शुरू हो जाएंगी. एक बार यह खंड खुल गया, तो हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा.

इसकी गहराई सतह से 33 मीटर नीचे है. उम्मीद है कि मेट्रो के 45 सेकंड में हुगली नदी के नीचे 520 मीटर के हिस्से को कवर कर लेगी. यह सुरंग नदी में पानी की सतह से 32 मीटर की गहराई में बनाई गई है, जो अपने आप में इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है.

सुरंग में पानी के प्रवाह और रिसाव को रोकने के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं. पानी को सुरंग में घुसने से रोकने के लिए इन खंडों में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका से बने कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है.

मेट्रो रेलवे के लिए ऐतिहासिक पल

सुरंग में पानी के प्रवाह और रिसाव को रोकने के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं. पानी को सुरंग में घुसने से रोकने के लिए इन खंडों में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका से बने कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है.

मेट्रो रेलवे के लिए ऐतिहासिक पल

मेट्रो रेलवे के अधिकारी ने कहा है कि मेट्रो रेलवे के लिए यह ऐतिहासिक पल है. इस कार्य को पूरा करने में कई बाधाएं आई थी. मगर, सभी रुकावटों को पार करने के बाद हुगली नदी के नीचे बुधवार को रैक चलाने में हम सफल हुए हैं. कोलकाता और आस-पास के लोगों को आधुनिक यातायात प्रदान करने की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम है. यह कोलकाता के लोगों के लिए विशेष उपहार है.

https://www.aajtak.in/india/news/video/west-bengal-kolkata-metro-services-resumes-today-here-are-new-guidelines-rdsv-1129520-2020-09-14



ऐसा रहा कोलकाता मेट्रो का सफर

कोलकाता मेट्रो रेल की आधारशिला 29 दिसंबर 1972 को रखी गई थी. इसके बाद 24 अक्टूबर 1984 को भारत की पहली मेट्रो के रूप में कोलकाता मेट्रो रेलवे का शुभारंभ हुआ था. इसका विस्तार एस्‍प्‍लानेड से भवानीपुर तक था, जिसे अब नेताजी भवन के नाम से जानते हैं.

यह 3.4 किमी तक वाणिज्यिक सेवा थी. साथ ही 27 सितंबर 1995 को दमदम से टॉलीगंज तक 17 स्‍टेशनों के बीच 16.45 किमी के संपूर्ण विस्तार पर वाणिज्यिक सेवा का आरंभ किया गया. वहीं, 29 दिसंबर 2010 को मेट्रो रेलवे को क्षेत्रीय रेलवे का दर्जा प्रदान किया गया.