बिहार में सरकारी शिक्षक आकस्मिक अवकाश लेने के लिए आजकल अजीबोगरीब आवेदन पत्र लिख रहे हैं. छुट्टियों के आवेदन में शिक्षक लिख रहे हैं कि 3 दिन बाद उनकी मां मरने वाली है. दो दिन बाद उनका पेट खराब होने वाला है, तो भविष्य में किसी की तबीयत खराब होने वाली है.

पिछले दिनों भागलपुर प्रमंडल के लिए शिक्षा विभागने एक समीक्षा बैठक की. इसमें सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कम उपस्थिति एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई. इसके बाद भागलपुर प्रमंडल के लिए यह आदेश जारी किया गया कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षक आकस्मिक अवकाश भी कम से कम 3 दिन पहले प्रधानाध्यापक से लिखित रूप में आवेदन के माध्यम से लेंगे.

इसकी गंभीरता को देखते हुए उसे स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाएगा. इस आदेश के विरोध में ही शिक्षक यह अजीबो-गरीब अवकाश का आवेदन लिख रहे हैं. शिक्षकों का मानना है कि आकस्मिक अवकाश अचानक ही होगा. तीन दिन पहले बताकर कोई आकस्मिक स्थिति पैदा नहीं होगी. लिहाजा इस तरह के अवकाश 3 दिन पूर्व लेने का आदेश तुगलकी फरमान है.

आकस्मिक छुट्टी के लिए पत्र

दरअसल, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को एक आदेश में कहा गया कि अगर आकस्मिक छुट्टी लेनी है तो कम से कम 3 दिन पहले आवेदन करना होगा. लेकिन इस आदेश का शिक्षक विरोध कर रहे हैं. इसी विरोध के क्रम में कई शिक्षकों ने अनेक तरह के बहाने बनाकर आवेदन किया है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

सोशल मीडिया पर वायरल पत्र

वायरल हो रहे एक पत्र में शिक्षक ने लिखा है कि ‘मेरी मां 5 दिसंबर को मर जाएंगी, इसलिए मुझे छुट्टी दे दिया जाए. वहीं दूसरे शिक्षक ने लिखा कि मैं 6 दिसंबर को भोज खाने जा रहा हूं और उसके बाद मेरा पेट खराब हो जाएगा. इसलिए 7 दिसंबर से 9 दिसंबर तक छुट्टी दे दी जाए. वहीं अब इन तरह आवेदनों की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिनको लोग शेयर कर रहे हैं. साथ ही इस विरोध के तरीके की तारीफ भी की जा रही है.

INPUT : TV9 BHARATVARSH