मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट की परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले सॉल्वर गैंग का नेटवर्क उम्मीद से ज्यादा बड़ा निकला है। वाराणसी क्राइम ब्रांच ने सॉल्वर गैंग के ऊपर नकेल कसा था और पिछले दिनों में इसके सरगना नीलेश उर्फ पीके की गिरफ्तारी हुई थी। पीके की गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच को महत्वपूर्ण इनपुट मिला है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक इस मामले में एक डॉक्टर समेत तीन और एक्टिव सदस्यों को पुलिस ने अपने रडार पर लिया है और जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो जाएगी।
सॉल्वर गैंग पर नकेल कसने वाली वाराणसी पुलिस ने पटना में कई जगहों पर छापेमारी की है। पटना एम्स के ब्वॉयज़ हॉस्टल में रहने वाले 2 छात्रों से भी पूछताछ की खबर है। दोनों छात्रों के बारे में वाराणसी पुलिस को महत्वपूर्ण इनपुट मिला था। हालांकि पटना एम्स प्रशासन ने छात्रों से पूछताछ की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। वाराणसी पुलिस की टीम पटना के अशोक राजपथ, कंकड़बाग और रूपसपुर जैसे इलाकों में छापेमारी कर चुकी है। उसने इस दौरान पटना पुलिस का भी सहयोग लिया है। पुलिस के रडार पर जो डॉक्टर है उसकी गिरफ्तारी की हर संभव कोशिश की जा रही है।
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आपको बता दें कि 12 सितंबर को नीट परीक्षा का आयोजन हुआ था और इसी दौरान एक छात्रा की जगह सॉल्वर गैंग की एक फर्जी स्टूडेंट को परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। बाद में जब इस मामले की छानबीन शुरू हुई तो नेटवर्क बढ़ता चला गया। पुलिस ने सरगना पीके को पिछले दिनों सारनाथ इलाके से अरेस्ट किया है। पीके और उसके बहनोई रितेश की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पटना की रहने वाली जूली बीएचयू में बीडीएस सेकंड ईयर के स्टूडेंट की है और वह नीट परीक्षा में हीना विश्वास की जगह सॉल्वर के तौर पर एग्जाम दे रही थी।