बिहार में लोक सेवाओं के अधिकार कानून (आरटीपीएस) के तहत उपलब्ध सेवाओं को डिजिटाइजेशन की खूब सराहना हो रही राष्ट्रीय स्तर पर। ई गवर्नेंस के क्षेत्र में प्रमाण पत्रों को उपलब्ध कराने का यह सिस्टम इतना अनोखा है कि आपको प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भी कहीं से आनलाइन करने की सुविधा है और प्रमाण पत्र लेने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं। आपके मोबाइल पर एक लिंक आएगा। बस उसे डाउनलोड कीजिए और आपको डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रमाण पत्र मिल जाएगा।

अब तक 28.44 करोड़ लोगों ने आवेदन किया और 28.25 करोड़ मामले निष्पादित

आरटीपीएस की मानीटरिंग कर रहे दफ्तर से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 के अगस्त में शुरू हुई सेवा का लाभ लिए जाने को ले अब तक 28.44 करोड़ लोग आवेदन कर चुके हैं। इनमें से 28.25 करोड़ लोगों को लाभ मिल चुका है। यानी निष्पादन का प्रतिशत 99.3 है। कुल 14 विभागों की 153 सेवाएं आरटीपीएस के माध्यम से उपलब्ध हैं।

सबसे अधिक 72 प्रतिशत आवेदन छह तरह के प्रमाण पत्रों के लिए

आरटीपीएस के तहत सेवा हासिल करने के लिए जो आवेदन आते हैं, उनमें सबसे अधिक 72 प्रतिशत छह किस्म के प्रमाण पत्रों के लिए आते हैं। इनमें जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र और इन दिनों ईडब्ल्यूएस से संबंधित प्रमाण पत्र के मामले शामिल हैं। जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र आवेदन किए जाने के दस दिनों के भीतर उपलब्ध हो जा रहे। ओबीसी से जुड़े प्रमाण पत्र 21 दिनों में बनते हैं।

सबसे अधिक 72 प्रतिशत आवेदन छह तरह के प्रमाण पत्रों के लिए

आरटीपीएस के तहत सेवा हासिल करने के लिए जो आवेदन आते हैं, उनमें सबसे अधिक 72 प्रतिशत छह किस्म के प्रमाण पत्रों के लिए आते हैं। इनमें जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र और इन दिनों ईडब्ल्यूएस से संबंधित प्रमाण पत्र के मामले शामिल हैं। जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र आवेदन किए जाने के दस दिनों के भीतर उपलब्ध हो जा रहे। ओबीसी से जुड़े प्रमाण पत्र 21 दिनों में बनते हैं

सभी सेवाएं पूरी तरह से नि:शुल्क

आरटीपीएस के तहत मिलने वाली सभी सेवाएं पूरी तरह से नि:शुल्क है। अब तो यह व्यवस्था हो गयी है कि इसके लिए किसी के संपर्क में भी नहीं आना है।