राहुल कुमार लाठ | सीतामढ़ी के एकमात्र उद्योग के रूप में विख्यात रीगा चीनी मिल बीते दो वर्षो से बंद पड़ा है। कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य सरकार इस पर पहल करेगी और इसे टेकओवर कर अपने नियंत्रण में ले लेगी लेकिन ऐसा कुछ भी होता नहीं दिख रहा। इसके चालू नहीं होने से इलाके के गन्ना किसानों के आगे आर्थिक संकट मंडरा रहा है।

आम लोगों के मन में बस एक ही सवाल है कि आखिर इतने महत्वपूर्ण चीनी मिल को चालू कराने के लिए सरकार कोई पहल क्यों नहीं कर रही है ? हर कोई इस बात को समझना चाहता है कि आखिर सरकार की क्या मजबूरियां है जो तकलीफ में गुजर-बसर कर रहे गन्ना किसानों से बड़ी बनी हुई है।

राजनीतिक गलियारों में इस बात का शोर है कि राजा नहीं चाहते, चीनी मिल चालू हो। वजह बताई जा रही है कि चीनी मिल के मालिक और राजा के बीच हुआ विवाद। सूत्र बताते हैं कि टिकट को लेकर दोनों के बीच बातचीत हुई थी। आप सोच रहे होंगे कि कौन सी टिकट ? ज्यादा मत सोचिए, हम आपको बता रहे है।

दरअसल, राजा नहीं चाहते कि मिल चालू हो। इसकी वजह है चीनी मिल के मालिक और राजा के बीच हुई तकरार, कुछ वक्त पहले चीनी मिल के मालिक विधान परिषद जाना चाहते थे, उन्होंने राजा से मिलकर टिकट के लिए डील करने की कोशिश की थी पर बात नहीं बनी। बन्द कमरे में हुई गुफ्तगू के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं हो सकी।

डील कैंसिल होने के बाद दोनों के बीच आई खटास का खामियाजा आज जिले और आसपास के लाखों गन्ना किसान भुगत रहे हैं। क्षेत्र में हुए धरना-प्रदर्शन के बाद राजा से कई जनप्रतिनिधियों ने जाकर गुहार लगाई कि राजा साहब, जनता क्षेत्र में गालियां दे रही है। हालांकि राजा नहीं पिघले। आखिर राजा के मन में क्या है, यह बात राजा जानता है नहीं तो ऊपर वाला।

आप सोच रहे होंगे कि यह कौन सी बात हो रही है जो समझ में नहीं आ रही। लेखक की भी कुछ मजबूरियां है जिनके कारण वह इशारों में ही आपको पूरी बात समझाने की कोशिश कर रहा है। समझदार को इशारा काफी है।
नोट : इस ब्लॉग के सभी विचार और शब्द लेखक के निजी है। संस्था का इस विचार से कोई वास्ता नहीं है। यदि आपके पास भी कोई लेख है तो हमें [email protected] पर ई-मेल करें।

Team.