बिहार में रामायण सर्किट (रामजानकी मार्ग) के तहत करीब 243 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस सड़क का निर्माण करीब 5800 करोड़ रुपये की लागत से चार चरणों में 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. यह सड़क राज्य के पांच जिलों से होकर गुजरेगी और उत्तर प्रदेश के अयोध्या से माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध करवायेगी.

पांच जिलों से गुजरेगी सड़क
इन पांच जिलों में सीवान, सारण, गोपालगंज, शिवहर और सीतामढ़ी जिला शामिल हैं. इस सड़क के बनने से राज्य में धार्मिक पर्यटक बड़ी संख्या में आने लगेंगे. इसके लिए पहले चरण में सीवान से मशरख तक करीब 1027 करोड़ रुपये की लागत से करीब 51 किमी लंबाई में निर्माण शुरू होगा. निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. साथ ही इसके अन्य तीन चरणों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

सूत्रों के अनुसार मेहरौना से सीवान तक लगभग 40 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क निर्माण के लिए एलाइनमेंट तय कर भूमि अधिग्रहण हो रहा है. इसके निर्माण की अनुमानित लागत करीब 1,254 करोड़ रुपये है. साथ ही मशरख से चकिया तक 48 किलोमीटर लंबाई में करीब 1,450 करोड़ की लागत से निर्माण होगा. चकिया से शिवहर और सीतामढ़ी होकर भिठामोड़ तक 103 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करीब 2,100 करोड़ रुपये की लागत से करवाया जायेगा.

राेजी-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
इसे पहले केवल दो लेन बनाने की चर्चा थी, लेकिन राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसे फोरलेन बनाने की मंजूरी इसी साल के शुरुआत में दी थी. इस सड़क के बनने से राज्य में पर्यटकों के आवागमन में बढ़ोतरी होगी. साथ ही आर्थिक विकास होगा और राेजी-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

बनेंगे बाइपास
रामायण सर्किट के सीवान से मशरख तक में सीवान बाइपास करीब 4.63 किलोमीटर, तरवारा बाइपास करीब 7.38 किलोमीटर, बसंतपुर बाइपास करीब 14.66 किलोमीटर और मशरख बाइपास करीब 2.29 किलोमीटर नये एलाइनमेंट पर चार लेन हाइवे बनना है. मलमलिया बाजार के पास एक रेलवे ओवर ब्रिज भी बनाया जायेगा.

क्या है रामायण सर्किट

रामायण सर्किट धार्मिक पर्यटन को लेकर ऐसी योजना है, जिसमें भगवान राम से संबंधित स्थलों को सड़क और रेलमार्ग से जोड़ा जायेगा. इसके तहत भगवान राम की जन्मस्थली और देश में उनके जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण स्थलों का चयन किया गया है. इसमें उनके वनवास के दिनों में रहने, माता सीता की खोज में जाने सहित अन्य स्थल शामिल हैं. केंद्र सरकार ने ऐसे क्षेत्रों के रूप में 15 शहरों को चुना है. श्रद्धालु बड़े पैमाने पर इन स्थानों पर जाते हैं और दर्शन करते हैं.

INPUT : PRABHAT KHABAR