जिले में काफी संख्या में लोगों ने सहारा इंडिया में लुभावनी निवेश करने वाली स्कीमों में रुपये लगाए थे। पर अब योजना की अवधि पूरी होने के बाद भी सहारा की ओर से लोगों के रुपये वापस नहीं किए जा रहे हैं। इससे परेशान लोगों ने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने सहारा को मामले में दोषी पाते हुए ब्याज सहित परिपक्वता राशि लौटाने को कहा है।

सहारा इंडिया की ओर से किए गए भ्रामक प्रचार व ज्यादा ब्याज की घोषणा से प्रभावित होकर विभिन्न वित्तीय योजनाओं में अपनी बचत के पैसों का निवेश कर दिया। निवेशकों को उनकी निधियों की परिपक्वता तिथि गुजर जाने के बाद भी सहारा ने उनकी धनराशि का भुगतान नहीं किया था। इससे क्षुब्ध व आहत होकर अनेक व्यक्तियों ने न्याय तथा अपनी धनराशि वापस पाने की आशा में जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

जिला उपभोक्ता आयोग ने 52 परिवादों में सुनवाई पूर्ण करने के उपरान्त अपना निर्णय पारित किया। प्रस्तुत सभी परिवादों में आयोग ने सहारा इण्डिया को “सेवा में कमी” तथा “अनुचित व्यापारिक व्यवहार” का दोषी माना।

क्या दिया आदेश

आयोग ने सभी पीड़ित व्यक्तियों को उनकी सम्पूर्ण परिपक्वता धनराशि तथा उस पर उनके द्वारा परिवाद योजित किये जाने की तिथि से सहारा के वास्तविक रूप में भुगतान वापस अदा किये जाने की तिथि तक आठ प्रतिशत ब्याज जोड़कर प्रदान करने का आदेश पारित किया है।

रुपये वापसी की उम्मीद

आयोग ने सहारा इण्डिया में निवेश करने वाले व्यक्तियों की रकम वापसी की राह प्रशस्त कर दी है। इससे उम्मीद है कि शीघ्र ही सभी निवेशकों को उनकी परिपक्वता धनराशि मय ब्याज एवं क्षतिपूर्ति प्राप्त हो सकेगी। मामलों की सुनवाई आयोग अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य विजयलक्ष्मी थापा व सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने की।