भाग्य भी उन्हीं का साथ देता है, जिनके पास मजबूत इरादे होते हैं। संकल्पों को पूरा करने के लिए चुनौतियों से लड़ने का हौसला होता है। कुछ ऐसा ही भोजपुर जिले के दिव्यांग युवक ने कर दिखाया है, जिसनें अपने मजबूत इरादों से स्कूटी पर ही इडली बेचना शुरू कर दिया।

आज लोग इस दिव्यांग युवक की मिसाल देने लगे है। वहीं युवक के पैसों से परिवार चल रहा है और वह एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। यह दिव्यांग युवक भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड अंतर्गत परेव गांव के रहने वाला बंधन है। बंधन ने बताया कि वह बचपन से ही दिव्यांग है। उन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की हुई है। आगे भी पढ़ना चाहता था पर मजबूरी ने आगे पढ़ने की इजाजत नहीं दी।

साथ ही कहा कि वह अपने जीवन से हार चुका था। मुझमें परिवार को चलाने की भी क्षमता नहीं थी। इसके बाद मैंने काफी सोचा और फैसला लिया कि अन्य दिव्यांगों की तरह भीख नहीं मांगना है। इसलिए स्कूटी पर कारोबार करने का फैसला लिया और एक चलती-फिरती दुकान खोल ली। फिर मैं गांव-गांव इडली बेचने लगा।

4 सालों से स्कूटी पर बेच रहा इडली
वहीं बताया जा रहा है कि दिव्यांग बंधन इडली बेचकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। बंधन ने कहा कि वह 4 सालों से स्कूटी की मदद से इडली बेच रहा है। इडली बेचकर रोज 500 से 800 रुपये तक कमा लेते हैं। दिव्यांग बंधन के घर में माता-पिता, छोटा भाई, पत्नी और एक बच्चा हैंइन सब का पालन पोषण बंधन ही करता है। दिव्यांग बंधन ने कहा कि जो राशि सरकार की तरफ से मिलती है, वह पर्य़ाप्त नहीं हैं। इसलिए अपनी इडली की दुकान खोल ली।

सरकार दिव्यांगों की मदद जरूर करेंः बंधन
बता दें कि दिव्यांग बंधन ने कहा कि सरकार से उसे ज्यादा मदद नहीं मिली है, लेकिन उन्होंने सरकार से यह मांग की है कि सरकार को उन दिव्यांगों की मदद जरूर करनी चाहिए जो अपना स्वयं कारोबार चलाकर समाज में एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं। साथ ही कहा कि दिव्यांगों को दया की कोई भी जरूरत नहीं है, बल्कि सहयोग की आवश्यकता है।

INPUT : PANJAB KESARI