nadi

राज्य में खनन बंद होने के करीब 11 दिन में बालू की कीमत में करीब दो गुनी बढ़ोतरी हो गयी है. इसका सीधा असर भवन निर्माण सेक्टर पर पड़ा है. खासकर निजी भवनों के निर्माण की लागत बढ़ने से लोग परेशान हैं. यह स्थिति बालू खनन फिर से शुरू नहीं होने तक बनी रहने की संभावना है.

दूसरी तरफ खान एवं भूतत्व विभाग ने राज्य में 16 करोड़ सीएफटी बालू के भंडारण का दावा किया है और इसे खपत के अनुसार दिसंबर 2022 तक के लिए पर्याप्त बताया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और एनजीटी के गाइडलाइन के अनुसार सितंबर तक बालू खनन बंद रहेगा.

नये जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) के आधार पर सभी नदी घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती होने के बाद नये बंदोबस्तधारी अब बालू का खनन शुरू करेंगे. राज्य में खनन बंद होने के करीब 11 दिन में बालू की कीमत में करीब दो गुनी बढ़ोतरी हो गयी है. इसका सीधा असर भवन निर्माण सेक्टर पर पड़ा है.

खासकर निजी भवनों के निर्माण की लागत बढ़ने से लोग परेशान हैं. यह स्थिति बालू खनन फिर से शुरू नहीं होने तक बनी रहने की संभावना है. दूसरी तरफ खान एवं भूतत्व विभाग ने राज्य में 16 करोड़ सीएफटी बालू के भंडारण का दावा किया है और इसे खपत के अनुसार दिसंबर 2022 तक के लिए पर्याप्त बताया है.

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और एनजीटी के गाइडलाइन के अनुसार सितंबर तक बालू खनन बंद रहेगा. नये जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) के आधार पर सभी नदी घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती होने के बाद नये बंदोबस्तधारी अब बालू का खनन शुरू करेंगे.

डीएसआर बन चुका है और पर्यावरणीय मंजूरी भी मिल चुकी है. इसके आधार पर जिला प्रशासन के माध्यम से नदी घाटों की बंदोबस्ती होगी. सूत्रों के अनुसार बालू का खनन बंद होने से पहले ही सरकारी विभागों को निर्माण कार्यों के लिए बालू का भंडारण करने के लिए कहा गया था. ऐसे में सरकारी विभागों के पास पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है.

वहीं निजी भवन बनाने वाले निर्माण में जरूरत के अनुसार बालू खरीदकर उसका उपयोग करते हैं. उनके पास अधिक बालू रखने की जगह उपलब्ध नहीं होने से वे बड़ी मात्रा में बालू का स्टॉक नहीं करते. ऐसे में उन्हें बालू के बढ़े दामों की वजह से परेशानी का अधिक सामना करना पड़ता है.

खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि राज्य में करीब दो सौ खुदरा बिक्रेता (के लाइसेंसधारी) हैं. इन सभी ने बालू खनन बंद हाेने से पहले ही पर्याप्त मात्रा में बालू का भंडारण कर लिया था. सभी मिलाकर करीब 16 करोड़ सीएफटी बालू उपलब्ध है. इनके माध्यम से इ-चालान कटवाकर बालू की बिक्री हो रही है.

पिछले साल जुलाई 2021 में भी बालू की कीमत में अचानक तीन से चार गुना बढ़ोतरी की बात सामने आयी थी. इसे देखते हुये सरकार के निर्देश पर चार जिलों के डीएम ने अपने-अपने जिले में बालू की कीमत तय कर दी थी. इसके अनुसार पटना जिला में जिलास्तरीय समिति ने 4528 रुपये प्रति 100 घन फीट का दर निर्धारित किया था. इसमें 300 रुपये लोडिंग चार्ज, लाइसेंसधारियों का पांच फीसदी कमीशन शामिल था.