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सीतामढ़ी के मेयर प्रत्याशी डॉक्टर पर लगा इलाज़ में लापरवाही और मारपीट का आरोप, पीड़ित ने कोर्ट में किया केस

सीतामढ़ी नगर निगम चुनाव में मेयर पद के प्रत्याशी डॉ प्रवीण कुमार, नवजीवन मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल और उनके मैनेजर रवि रंजन के खिलाफ सीतामढ़ी की अदालत में शहर के मेला रोड निवासी धीरेश कुमार यादव परिवाद ने दर्ज करवाया है। मामला इलाज में लापरवाही से जुड़ा है।

अदालत में दायर परिवाद के मुताबिक धीरेश यादव ने अपनी पत्नी गायत्री देवी को पेट में दर्द की शिकायत पर डॉ० राजीव के यहाँ दिखाने गये तो पेट का अल्ट्रासाउण्ड जाँच करवाया। अल्ट्रासाउण्ड जाँच होने पर गोल ब्लाडर में पत्थरी होना बताया तो डॉ० राजीव कुमार ने किसी सर्जन से दिखाने को कहा।

परिवादी ने कहा कि सारा जाँच लेकर जा रहा था तो रास्ते में रवि रंजन पिता तेजनारायण भगत से मुलाकात हुआ जो रविरंजन डॉ० प्रवीण कुमार जो नवजीवन हॉस्पीटल चलाता है जिसका मैनेजर है। उन्होंने कहा कि आप घर पर जाईए हम आपकी पत्नी को देखने आएँगे। रविरंजन मेरे घर आये और मेरी पत्नी को देखकर बोला कि इनको जॉन्डीस भी है आप मेरे हॉस्पीटल में लेकर चलिए डॉ० प्रवीण कुमार बहुत अच्छा सर्जन है आपकी पत्नी का अच्छे से ऑपरेशन कर देंगे।

परिवादी अपनी पत्नी गायत्री देवी को 10 जुलाई को लेकर डॉ० प्रवीण कुमार (नवजीवन मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पीटल) लेकर गये। उन्हीं के हॉस्पीटल में जाँच हुआ तो जौन्डीस, बुखार और उल्टी हो रहा था तो डॉ० प्रवीण कुमार बोले कि अभी दो-चार दिन भर्ती कर दीजिए उसके बाद जाँच करके ऑपरेशन करेंगे। फिर जाँच हुआ तो भी जौन्डीस था।

इसी बीच 16 जुलाई को ही डॉ प्रवीण कुमार ने गायत्री देवी के गॉल – ब्लाडर का ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद उनके पेट में दो ड्रेन किया पाइप का थैला लगा हुआ था। डॉ. ने कहा कि थैले को हटा देंगे जब पूरा कचरा और गंदा निकल जाएगा लेकिन तीन-चार दिनों तक उस थैली में पीला रंग का द्रव निकलता रहा। कहने के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

स्वजनों को शंका हुई तो उन्होंने यहां से रेफेर करवाकर आईजीआईएमएस, पटना ले गए। वहां डॉ. अमरजीत राज ने जांच के बाद सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इतने बढ़े हुए जॉन्डिस में डॉ. प्रवीण ने कैसे ऑपरेशन कर दिया ? यह काम गलत किया गया है। पटना में जांच के दौरान पता चला कि सीतामढ़ी में डॉ. प्रवीण के ऑपरेशन करने के कारण Bile duet injury with cholangitis हुआ है।

पटना इलाज करवाने के बाद जब उन्होंने डॉ प्रवीण के अस्पताल में जाकर पूरी बात बताई तो उनको वहां से भगा दिया गया. उनके साथ गए लोगों से गाली-गलौज और मारपीट की गई. पीड़ित धीरेश यादव ने बताया कि इस इलाज में उनके अब तक 8 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।

परिवादी ने न्यायालय में डॉ. प्रवीण कुमार, उनके मैनेजर रवि रंजन पर कपट पूर्वक छल, बेईमानी, झांसा में डालकर धोखा देने, हत्या का प्रयास, आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक शोषण का मानसिक तनाव देने का आरोप लगाया है। न्यायालय इस मामले की सुनवाई 21 दिसंबर को कर रहा है।

इस पूरे मामले पर डॉ. प्रवीण कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हम लगातार चुनाव प्रचार में क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। जनता का अपार समर्थन मिल रहा है। 13 साल के काम के दौरान आज तक ऐसा नहीं हुआ। मुझे यह राजनीति से प्रेरित होकर किया गया संयंत्र लगता है।

Team.

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