बिहार में हो रहे जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने वापस लेने की मंजूरी दी है.
जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ये पब्लिसिटी इंट्रेस्ट लिटीगेशन लगती है- याचिकाकर्ता पहले पटना हाईकोर्ट क्यो नहीं गए. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा आप याचिका वापस लेना चाहेंगे? कोर्ट ने कहा यह एक प्रचार हित याचिका है.
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यदि इस पर आदेश दिया जाएगा तो वे कैसे निर्धारित करेंगे कि आरक्षण कैसे प्रदान किया जाएगा?दरअसल बिहार में जातीय जनगणना की जा रही है . सात जनवरी से जाति गिनने का काम किया जा रहा है. प्रथम चरण में मकानों का नंबरीकरण और घर के सदस्यों की संख्या गिनती की जा रही है.
इसके बाद 6 जून को राज्य सरकार द्वारा जातीय जनगणना के लिए जारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू सेना ने याचिका लगाई थी और कहा था- यह देश की अखंडता को तोड़ने वाला है.
INPUT : TV9 BHARATVARSH