घरों की छतों पर सोलर प्लेट लगाने के लिए अब नामित एजेंसी से ही रूफटॉप सोलर प्लेट लेने की बाध्यता समाप्त हो गई है। अब उपभोक्ता चाहें तो वे खुद किसी के यहां से भी खरीदकर अपने घर की छत पर इसे लगा सकते हैं। सरकार की इस योजना में उपभोक्ताओं को 40 फीसदी तक अनुदान मिलेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की है

दरअसल केंद्र सरकार से कई राज्यों से इसकी शिकायत पहुंची थी कि नामित एजेंसियां सोलर प्लेट देने में आनाकानी करती हैं। छतों पर लगने के बाद अगर प्लेट में खराबी आ जाए तो उसकी मरम्मत प्रक्रिया में भी एजेंसी के लोग मनमानी कर रहे हैं। इसे देखते हुए ही केंद्र सरकार ने अपने नियम में बदलाव कर दिया है। ऊर्जा मंत्रालय ने आवासीय छतों पर सोलर प्लांट लगाने के लिए चलाये जा रहे रूफटॉप सोलर प्रोग्राम को आसान बनाते हुए सूचीबद्ध विक्रेता के माध्यम से ही रूफटॉप सोलर लगवाने की बाध्यता समाप्त कर दी है। 

अब लाभार्थी चाहें तो खुद या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता के माध्यम से छत पर सोलर प्लांट लगवा सकेंगे। इस योजना के तहत सरकार तीन किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप के लिए 40 फीसदी और 10 किलोवाट तक के लिए 20 फीसदी सब्सिडी देगी। नियमानुसार सोलर प्लेट के लिए लाभार्थी से आवेदन प्राप्त कर उसे पंजीकृत-स्वीकृत करने तथा प्रगति पर नजर रखने के लिए छह से आठ हफ्ते में राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया जाएगा। 

लाभार्थी को अपने बैंक खाते के विवरण सहित आवश्यक जानकारी इस पोर्टल पर देनी होगी, ताकि उन्हें सरकार से अनुदान राशि मिल सके। राज्यों की बिजली कंपनियां भी एक पोर्टल विकसित करेंगी, जिसे राष्ट्रीय पोर्टल से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय पोर्टल के शुरू होने तक डिस्कॉम के माध्यम से रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना के लिए सब्सिडी प्राप्त करने की वर्तमान प्रक्रिया चलती रहेगी।

मंत्रालय तैयार करेगा समझौते का प्रारूप

उपकरणों की गुणवत्ता व स्थापना के बाद की सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय लाभार्थी तथा विक्रेता के बीच समझौते का एक प्रारूप जारी करेगा। अन्य नियमों और शर्तों के साथ समझौते में यह सुनिश्चित करने का प्रावधान होगा कि छत पर स्थापित सोलर प्लेट सुरक्षा और प्रदर्शन के मानकों को पूरा करता है तथा विक्रेता समझौते की शर्तों के अनुसार अगले पांच वर्ष या उससे अधिक अवधि के लिए प्लांट का रखरखाव करेगा। लाभार्थी को एक निर्धारित अवधि के भीतर अपना प्लांट स्थापित करना होगा अन्यथा उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। उसे आरटीएस प्लांट स्थापना के लिए फिर से आवेदन करना होगा।

 कार्य दिवस के भीतर बिजली कंपनी को मिलेगा आवेदन

लाभार्थी से प्राप्त आवेदन को अगले 15 कार्य दिवसों के भीतर संबंधित बिजली कंपनी को ऑनलाइन भेजा दिया जाएगा। आवेदन को बिजली कंपनी के पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। तकनीकी व्यवहार्यता प्राप्त करने के बाद लाभार्थी डीसीआर की शर्तों को पूरा करने वाले सौर मॉड्यूल का चयन करके और मॉडल एवं निर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम) और जेआईएस द्वारा प्रमाणित इनवर्टर को सूचीबद्ध करके अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से आरटीएस संयंत्र खरीदकर स्थापित कर सकेंगे। केन्द्र सरकार के पैनल में शामिल विक्रेताओं की सूची पोर्टल पर भी उपलब्ध करायी जाएगी।