बिहार की जिस पुलिस पर फर्जीवाड़ा और अपराध रोकने का जिम्मा है वह खुद फर्जीवाडे का शिकार बन गयी. खगडिया के एक थाने में फर्जी दरोगा दो महीने तक तक ड्यूटी करता रहा. इस दौरान उसने लोगों का भयादोहन कर लाखों रूपये की उगाही भी कर ली. पुलिस को फर्जी दरोगा के करतूतों की भनक तक नहीं थीं. वह तो एक स्थानीय नागरिक ने सबूत दिये तो पुलिस अधिकारियों के होश उड गये. फर्जी दरोगा गिरफ्तार कर लिया गया है. एसपी कह रहे हैं कि थानेदार पर भी कार्रवाई करेंगे.

बिना किसी आदेश के थाने में योगदान दिया

खगडिया जिले के मानसी थाने में पिछले 26 अगस्त को ही दरोगा विक्रम कुमार ने योगदान दिया था. उसने खुद को प्रशिक्षु दरोगा बताया था. थानेदार ने उसे थाने में जॉइन करा कर बकायदा काम भी सौंप दिया था. फर्जी दरोगा पुलिस की वर्दी औऱ हथियार के साथ घूम-घूम कर वसूली कर रहा था. अब जांच पड़ताल के बाद पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि उसके पदस्थापन या प्रतिनियुक्ति को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया था. फिर भी मानसी थाने के थानेदार ने उसे थाने में रख लिया था.

पुलिस ने सोमवार को फर्जी दरोगा विक्रम कुमार को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक मोबाइल व दो एडमिट कार्ड बरामद किया गया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बेगूसराय के भगवानपुर प्रखंड का रहने वाला विक्रम कुमार फर्जी कागजातों के सहारे दरोगा बन गया था. खगडिया पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक SP के आदेश से पिछले सात जुलाई को विधिवत जिलादेश के साथ मानसी थाना में चार पुलिस पदाधिकारियों ने योगदान किया था. इसमें विक्रम का नाम नहीं था फिर भी मानसी थानेदार ने उससे योगदान करा लिया. अब उसे गिरफ्तार कर केस संख्या 295/2021 के तहत मामला दर्ज कराया गया है.

आऱटीआई कार्यकर्ता के आवेदन से खुली पोल

मानसी तैनात में फर्जी दरोगा विक्रम कुमार तो मजे से वर्दी का लुफ्त उठा रहा था. पुलिस को अपने ही महकमे में हो रहे खेल की खबर नहीं थी. वह तो एक आरटीआई के आवेदन ने सारा पोल खोल दिया. खगडिया के गोगरी के आरटीआई कार्यकर्ता मनोज कुमार मिश्रा ने पिछले 26 अक्टूबर को एसपी को आवेदन देकर फर्जी दारोगा की पोल खोली थी. मनोज कुमार मिश्रा ने एसपी को दिये गये आवेदन में कहा था कि सरकार ने जिसे दरोगा चुना ही नहीं वह मानसी थाने में वर्दी पहन कर ड्यूटी कर रहा है. ज्ञापन में कहा गया था कि विक्रम कुमार ने पुलिस की वर्दी पहनकर लाखों रुपये की वसूली कर ली है.

आऱटीआई कार्यकर्ता के आवेदन के बाद खगडिया पुलिस सकते में पड गयी. एसपी अमितेश कुमार ने सदर एसडीपीओ से मामले की जांच करायी. सदर एसडीपीओ सुमित कुमार ने अपनी जांच में पाया कि विक्रम कुमार फर्जी तरीके से दरोगा बन गया है. इसके बाद उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी और गिरफ्तार किया गया. एसपी अमितेश कुमार ने बताया कि इस मामले में फर्जी दारोगा के विरुद्ध केस दर्ज के बाद गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. एसपी ने कहा कि इस मामले में सारी गलती मानसी के थानाध्यक्ष की है. जांच के क्रम में थानाध्यक्ष के द्वारा लापरवाही, स्चेच्छाचारिता, मनमानेपन, आदेशोल्लंघन और वरीय पदाधिकारियों को गुमराह किये जाने का आरोप सही पाया गया है. एसपी ने कहा कि थानाध्यक्ष के काम से पुलिस की छवि आम जनता में धूमिल हुई है. लिहाजा थानाध्यक्ष के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.