10 साल की बच्ची पर हमला करने वाले तेंदुए (Leopard Attack) को एक बहन की हिम्मत और ताकत ने पस्त कर डाला और अपनी छोटी बहन को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया. जिस समय आदमखोर तेंदुए ने शिकार की नियत से 10 वर्षीय बच्ची पर हमला किया तो पास में काम कर रही उसकी बड़ी बहन डंडे के सहारे ही तेंदुआ जैसे खतरनाक जानवार से न केवल अकेले जा भिड़ीं बल्कि उसको खदेड़ भी डाला और समय रहते अपनी बहन की जान बचा ली.

तेंदुआ से जंग और दो बहनों की दिलेरी का ये मामला बिहार से जुड़ा है. पश्चिमी चंपारण के बगहा स्थित लौकरिया थाना क्षेत्र के नयागांव रामपुर में पिपरा डीह गांव में ये घटना हुई. दरअसल रूदल मुसहर की 10 वर्षीय पुत्री किरण कुमारी बकरी चराने गई थी इसी क्रम में गन्ने के खेत में छिपे हुए तेंदुए ने अचानक से उस पर हमला करते हुए जख्मी कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब तेंदुए ने हमला बोला उसी दौरान किरण की बड़ी बहन सुनीता पास में ही काम कर रहे थी. जैसे ही तेंदुआ गुर्रा कर लड़की पर पड़ा उसकी बहन ने बहन को बचाने के लिए पास में पड़े डंडा को लिया और तेंदुए की तरफ दौड़ गई.

तेज शोरगुल सुनकर आसपास काम कर रहे लोग भी तेंदुए के तरफ दौड़े. शोरगुल और लोगों को पास आता देख तेंदुआ फिर से गन्ने के खेत में भाग गया, हालांकि इस दौरान लड़की घायल हो गई. जख्मी बच्ची को स्वास्थ्य केंद्र हर्नाटांड़ में इलाज के लिए परिजनों के द्वारा ले जाया गया. डॉक्टर राजेंद्र काजी ने बताया कि तेंदुए के हमले से बच्ची का कान सहित गर्दन का कुछ भाग जख्मी हुआ है. जख्म बहुत गहरा नहीं है. लड़की की बहन सुनीता ने बताया कि तेंदुआ हमारी हिम्मत के कारण डरकर भाग गया.

तेंदुए के हमले की इस घटना के बाद आसपास के लोगों में डर और दहशत का माहौल फैल गया है. बच्चों को खेतों के तरफ जाने से ग्रामीणों ने मना कर दिया है. इलाके में तेंदुए के हमले की सूचना वन विभाग को दे दी गई है. बताते चलें कि जंगल से सटे रिहायशी इलाके में आए दिन इस तरह की घटनाएं घटती हैं। ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त की है कि तेंदुआ अभी ज्यादा बड़ा नहीं हुआ है हो सकता है कि तेंदुए के साथ उसकी मां भी हो. लोगों ने बताया कि अगर तेंदुए का रेस्क्यू कर जंगल में नहीं छोड़ा गया तो कभी भी किसी की जान जा सकती है.

input : news 18