पटना. बिहार में भ्रष्टाचार के बल पर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाले अफसरों की अवैध कमाई की कोई सीमा नहीं है. यह बात उस समय चरितार्थ हो गई जब बिहार निगरानी विभाग (Bihar Special Vigilance Team) की टीम ने सासाराम के पूर्व नगर आयुक्त और डीसीएलआर (DSLR) राजेश गुप्ता की राजधानी पटना स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के लॉकर को खोला. राजेश गुप्ता की पत्नी अमिता रानी गुप्ता के नाम यह बैंक लॉकर पटना के बोरिंग रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया शाखा में है. निगरानी विभाग की टीम ने जब इस बैंक लॉकर को खोला तो उसके पदाधिकारी तस्वीर देखकर हैरान रह गए.

बैंक लॉकर के अंदर से सोने की 29 अंगूठी, 27 कान की बाली, तीन नेकलेस, 4  सोने की चेन, एक गिल्ली, 14 सोने के सिक्के और तीन सोने के बिस्किट के साथ ही चांदी के करीब पौन किलो आभूषण जब्त किया गया. लॉकर के अंदर मिले आभूषण को जब निगरानी विभाग ने जब वैल्यूर को बुलाकर इल कीमत लगाई तो यह 47 लाख 36 हज़ार से भी अधिक का हुआ. गौरतलब है कि निगरानी विभाग ने राजेश कुमार के घर पर 27 नवंबर को छापेमारी की थी जिसमें करीब 22 लख रुपए नगद डेढ़ किलो सोना जब्त किया गया था.

सबसे बड़ी बात यह है कि अभी राजेश गुप्ता के सासाराम स्थित एक्सिस बैंक शाखा के लॉकर की तलाशी बाकी ही रह गई है. अब निगरानी विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, भू-अर्जन विभाग द्वारा विभागीय कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है. इससे पहले राजेश गुप्ता के सासाराम और पटना के दो अपार्टमेंट के फ्लैट के अलावा फारबिसगंज तक कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी. आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके आवास पर 12 घंटे से अधिक समय तक चली छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया गया था.

राजेश गुप्ता 39 वीं बैच के बीपीएससी के अधिकारी हैं. लगभग 26 साल के कार्यकाल के दौरान सीनियर डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर पहुंचे थे. रोहतास में भू-अर्जन पदाधिकारी के रूप में उनका 3 साल का कार्यकाल पूरा होने वाला था. पटना के बोरिंग रोड के बैंक ऑफ इंडिया शाखा के लॉकर की तलाशी के दौरान निगरानी की टीम को मिले आभूषणों ने इस बात को साबित कर दिया है कि बिहार में भ्रष्टाचार में डूबे अफसर काली कमाई को छिपाने के लिए धड़ल्ले से बैंकों के लॉकर्स का सहारा ले रहे हैं.