आयकर विभाग की टीम ने जेडीयू एमएलसी राधा चरण साह उर्फ सेठ जी के ठिकानों पर दबिश दी। आयकर विभाग की टीम ने जेडीयू एमएलसी के आरा स्थित घर पर छापेमारी शुरू की है। आईटी की टीम एमएलसी राधा चरण साह की चल और अचल संपत्ति की जांच कर रही है। इसके बाद जो जानकारी निकल कर सामने आई है उसके मुताबिक आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार की देर रात तक साह के 18 आवासों व कार्यालयों में आय व संपत्ति से जुड़े कागजातों की छानबीन करते रहे। टीम को यहां से 70 लाख नकद मिले हैं। वहीं,125 करोड़ के ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ है।

मिली जानकारी क्वे मुताबिक जदयू के विधान पार्षद राधा चरण साह और उनके पार्टनर आदि के करीब 18 ठिकानों पर छापेमारी की है। इस छापेमारी में 125 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी गई। वहीं, एमएलसी के सहयोगी के ठिकानों से 35 करोड़ नकद जब्त किए गए। आयकर की टीम ने हिमाचल प्रदेश के मनाली उत्तराखंड के हरिद्वार नोएडा गाजियाबाद दिल्ली पटना अलीगढ़ आरा शहर में मौजूद अलग-अलग कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की।

आयकर विभाग की तरफ से अब तक की हुई तलाशी में आरा और पटना स्थित ठिकानों से करीब 70 लाख नगद के अलावा बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा बालू के कारोबार में कैश लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। इसके साथ ही साथ राधाचरण के ठिकानों से दर्जनों बैंक खातों में करोड़ों के लेनदेन और बड़ी संख्या में निवेश से जुड़े सबूत बरामद किए गए हैं। इसकी गहन जांच चल रही है। आयकर की टीम को बड़ी संख्या में ऐसे कागजात भी मिले हैं जिनमें कुछ विशेष लोगों के निवेश से जुड़े प्रमाण भी शामिल है। हालांकि आधिकारिक रूप से क्या और कितनी संपत्ति मिली या बरामद हुई इसकी पुष्टि नहीं की गयी है।

जानकारी हो कि, राधा चरण साह मूल रूप से आरा के निवासी हैं और आरा-बक्सर स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से जदयू के एमएलसी हैं। आरा-बक्सर के पंचायत प्रतिनिधियों का दूसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वहीं, इस रेड के दौरान इनकम टैक्स विभाग की टीम को आरा में इनके आवास से नोट गिनने के लिए एसबीआइ की ब्रांच से दो मशीन मंगानी पड़ी। आयकर ने छापेमारी में सहयोग के लिए एसएसबी के जवानों की मदद ली। बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस को भी तैनात किया गया था।



आपको बताते चलें कि, आयकर विभाग ने जदयू के विधान पार्षद राधा चरण साह और उनके पार्टनरों के ठिकानों पर छापेमारी के लिए पुख्ता व्यवस्था की थी। कुल 18 ठिकाने तो पहले से चिह्नित कर लिये थे। इसके बाद भी उनकी तैयारी ऐसी थी कि जरूरत पर और भी स्थानों पर छापेमारी की जा सके। इसके लिए आयकर अधिकारियों और एसएसबी की टीमों का गठन कर मुख्यालय यानी आयकर भवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में रखा गया था।