बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के दायरे में लेदर, फैशन और टैक्सटाइल डिजाइन के स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम समेत 87 नये कोर्स लाये जा रहे हैं. अब इन सभी कोर्स की पढ़ाई के लिए भी लोन मिलेगा. स्कीम के नीतिगत फैसलों पर निर्णय लेने के लिए शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समिति ने औपचारिक प्रस्ताव तैयार कर लिया है.

प्रस्तावित नये कोर्स में कृषि, चिकित्सा, श्रम, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, उच्च शिक्षा सहित सात विभागों से राय ली गयी है. यह पूरी कवायद अक्तूबर में पूरी की जानी है. इस मामले में अंतिम निर्णय शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति को अभी लेना बाकी है. अभी तक 42 कोर्स में छात्रों को पढ़ाई के लिए लोन मिलता है. अगर 87 नये कोर्स को मंजूरी मिलती है, तो कुल 129 कोर्स की पढ़ाई के लिए लोन मिल सकेगा.

सर्वाधिक 16 कोर्स स्वास्थ्य से संबंधित
विभागीय जानकारों के मुताबिक इस लोन स्कीम में चार वर्षीय बैचलर ऑफ एग्रीकल्चर, मास्टर ऑफ एग्रीकल्चर, बीएड, डीएलएड, एग्री बिजनेस में एमबीए और बीबीएम (चार वर्षीय कोर्स), एम ए मास कम्युनिकेशन, एमएससी स्टैटिक्स एंड कंप्यूटिंग, वोकेशनल कोर्स में मेडिकल इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी, साइंस टेक्नोलॉजी, आइटीआइ और स्किल संबंधी तमाम विषय शामिल किये जा रहे हैं. सर्वाधिक 16 पाठ्यक्रम स्वास्थ्य संबंधित हैं. बीएससी एंडोस्कोपी, एंडोस्कोपी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियो थेरेपी आदि शामिल हैं.

127 नये कॉलेज जुड़ेंगे
इसके साथ ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत 127 नये कॉलेजों को और जोड़ा जा रहा है. दरअसल, कॉलेजों ने इस स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किये थे. इसमें राज्य के बाहर के 121 कॉलेज हैं. यह वह कॉलेज हैं जो नैक, एनबीए और एनआइआरएफ रैंकिंग हासिल हैं.

लोन राशि बढ़ाने-घटाने पर भी विचार
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत पाठ्यक्रम की प्रकृति के हिसाब लोन कम और अधिक करने पर भी विचार चल रहा है. अभी बीए और दूसरे पारंपरिक विषय के लिए भी चार लाख और दूसरे विशेष विषयों के लिए भी चार लाख रुपये समान रूप से दिये जाते हैं. इसके कारण कॉलेजों ने अच्छी-खासी फीस बढ़ा रखी है. विभाग चाहता है कि साधारण विषयों की पढ़ाई के लिए लोन राशि घटायी जाए. वहीं, एनआइटी और दूसरे केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के तकनीकी कोर्स की पढ़ाई की लोन राशि बढ़ायी जाए. इनकी राशि बढ़ा कर छह लाख की जा सकती है.

इन पर भी विचार
राज्य के अंदर इस स्कीम में नैक/एनबीए/एनआइआरएफ की रैंकिंग वाले कॉलेजों को ही पात्र मानने पर विचार जारी है.

देश के बाहर के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए लोन दिया जायेगा. इसमें 50 लाख से ऊपर का लोन प्रस्तावित है. लाभार्थियों की संख्या के लिए कोटा तय होगा.

विशेष तथ्य
अप्रैल 2021-31 मार्च 2022 तक 36167 आवेदकों को 756.49 करोड़ रुपये बांटे गये

अप्रैल 2022 से 18 सितंबर तक 36924 विद्यार्थियों को बतौर लोन 628.80 करोड़ बांटे गये

वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक लाख विद्यार्थियों को लोन बांटने का लक्ष्य

INPUT : PRABHAT KHABAR