अब स्याही से छपे कागज में खाने-पीने के व्यंजन देने पर पूरी तरह रोक रहेगी। अब तक शहर में अखबारी कागज पर समोसा, कचौरी, पोहा, जलेबी समेत अन्य खाद्य सामग्री परोसे जा रहे थे। यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।
मालूम हो कि ईट राइट चैलेंज-1 में भोपाल देश में दूसरे नंबर पर रहा। जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इसके अंतर्गत लोगों को खाने-पीने के प्रति लोगों को सतर्क करने से संबंधित कई नवाचार किए थे।
ईट राइट चैलेंज-2 के तहत शहर में स्याही से छपे कागज में खाना देने को लेकर बोलो ना-ना नाम का अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा नगर निगम कर्मचारियों के सहयोग से चलाया जाएगा।
शुरुआत में जहां भी ठेले, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों में स्याही से छपे कागज में खाना और नाश्ता दिया जाएगा, वहां पहुंचकर उसे टीम द्वारा रोका जाएगा। इसके साथ ही होटलों और खोमचों में उक्त अभियान से संबंधित पोस्टर व पैम्फलेट भी लगाए जाएंगे। साथ ही संचालक से शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह अब से स्याही छपे कागज में व्यंजन नहीं देगा।