बिहार में कनीय अभियंताओं (Junior Engineers) की बहाली में फर्जीवाड़ा का बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल, तकनीकी सेवा आयोग ने साल 2019 में विज्ञापन संख्या एक/2019 निकाला था. इस विज्ञापन के तहत रिक्त पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जाने का प्रावधान था. इसके अंतर्गत डिप्लोमा के प्रमाण पत्र में अंकित अंक के आधार पर नियुक्ति की जानी थी.

आयोग ने जब आवेदन जमा किए जाने की प्रक्रिया शुरू की तब असैनिक यांत्रिक और विद्युत कनीय अभियंता के रिक्त पदों पर 400 से अधिक अभ्यर्थियों ने विभिन्न संस्थानों के नाम पर फर्जी डिप्लोमा प्रमाण पत्र और अंक पत्र ऑनलाइन आवेदन के साथ जमा किया था. इसी के आधार पर काउंसलिंग भी करवाई गई.

आयोग ने अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने से पहले काउंसलिंग में जमा किए गए उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन अलग-अलग विश्वविद्यालयों, संस्थानों, कालेजों और बोर्डों से कराया. इस दौरान करीब 417 अभ्यर्थियों का प्रमाण पत्र फर्जी मिला है. जिन अभ्यर्थियों का एफआईआर में नाम दर्ज किया गया है वे विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं. आरोपियों ने विभिन्न विश्वविद्यालयों और बोर्डो के नाम से फर्जी डिप्लोमा प्रमाण पत्र बनवा कर कनीय अभियंता के पद पर चयनित होने का प्रयास किया.

इसमें पुरुष अभ्यर्थियों के अलावा महिला अभ्यर्थी भी शामिल हैं. पटना पुलिस की मानें तो इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और पुलिस छानबीन करने में जुटी हुई है. सभी आरोपियों के नाम और पते का सत्यापन किया जा रहा है. जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बिहार तकनीकी सेवा आयोग के सचिव की मानें तो कनीय अभियंता में 417 मत्स्य पदाधिकारी में 487 और नेत्र सहायक में 4 अभ्यर्थियों ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की, जिसकी बाद जांच करवाई गई.

Input: – News 18