• भारतपे के बोर्ड ने ग्रोवर को सभी पदों से निकाला
  • ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी भारतपे

फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) और अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा घटनाक्रम में कंपनी के बोर्ड ने ग्रोवर को सभी पदों से हटाने का निर्णय लिया है. बोर्ड की बैठक के बाद कंपनी ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही कंपनी ने यह भी बताया कि फाइनेंशियल मिसडीड को लेकर वह ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने वाली है.

ग्रोवर ने बोर्ड पर एक दिन पहले लगाए ये आरोप

इससे एक दिन पहले ग्रोवर ने बोर्ड के नाम इमोशनल लेटर लिखकर इस्तीफा दे दिया था. ग्रोवर ने रिजाइन करते हुए लेटर में कई भावुक बातें की थीं और मौजूदा बोर्ड पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने लिखा था, ‘मैं दुख के साथ यह लेटर लिख रहा हूं क्योंकि मैंने जो कंपनी बनाई, मुझे उसी को छोड़ना पड़ रहा है. हालांकि मुझे इस बात का गौरव है कि आज भारतपे फिनटेक की दुनिया में लीडर है. इस साल की शुरुआत से मुझे और मेरे परिवार को आधारहीन बातों में उलझाया गया. कंपनी में जो भी ऐसे लोग हैं, वे मेरी छवि खराब करना चाहते हैं. वे कंपनी को प्रोटेक्ट करने का दिखावा भले ही कर रहे हैं, लेकिन वे भारतपे को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.’

कंपनी ने कराया इंडिपेंडेंट ऑडिट रीव्यू

कंपनी ने बयान में कहा, भारतपे अपने कर्मचारियों और ग्राहकों के लिए पूरी तरह से कमिटेड है. कंपनी आगे भी भारत में फिनटेक लीडर बने रहने की दिशा में काम करेगी. कंपनी ने संचालन के उच्च मानकों को लागू करने के लिए शिकायतों पर आंतरिक जांच का निर्देश दिया था. यह जांच इंडिपेंडेंट एक्सटर्नल एडवाइजर्स कर रहे थे.

इस कारण ग्रोवर न किया था रिजाइन

भारतपे ने आरोप लगाया कि जैसे ही ग्रोवर को यह बताया गया कि बोर्ड की बैठक में जांच के परिणाम रखे जाने वाले हैं, उन्होंने फटाफट ईमेल भेजकर इस्तीफा दे दिया. भारतपे ने कहा, ‘ग्रोवर ने बोर्ड बैठक का एजेंडा मिलने के कुछ मिनट बाद ही भारतपे के प्रबंध निदेशक और बोर्ड निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया. एजेंडा में उनके आचरण के बारे में पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट को प्रस्तुत करना और उसके आधार पर कार्रवाई करने का विचार करना शामिल था. रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर बोर्ड के पास कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित है.’

ग्रोवर परिवार पर कंपनी के फंड के दुरुपयोग का आरोप

बयान में कहा गया कि ग्रोवर झूठ बोल रहे हैं और आधारहीन आरोप लगा रहे हैं. ग्रोवर परिवार और उनके संबंधियों ने कंपनी के फंड का गलत इस्तेमाल किया. इसके लिए फर्जी वेंडर क्रिएट किए गए और उनके सहारे कंपनी के एक्सपेंस अकाउंट से पैसे निकाले गए. इस तरह ग्रोवर परिवार ने लग्जरी लाइफस्टाइल के खर्चे उठाने के लिए कंपनी के फंड का दुरुपयोग किया.

बोर्ड ने दिए ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के संकेत

भारतपे ने कहा कि उसके पास ग्रोवर और उनके परिवार के खिलाफ आगे की कानूर्नी कार्रवाई का सारा अधिकार है. बोर्ड ग्रोवर परिवार की हरकतों से कंपनी की छवि को नुकसान नहीं होने देगा. अपनी गलत हरकतों के कारण ग्रोवर अब कंपनी के कर्मचारी, फाउंडर या डाइरेक्टर नहीं हैं. भारतपे एक बड़ी टीम और डेडिकेटेड प्रोफेशनल्स के दम पर सफल हुई है, न कि किसी एक खास इंसान के कारण. कंपनी के बोर्ड ने भरोसा जाहिर किया कि भारतपे आगे भी सफलता के नए आयाम हासिल करेगी.