चीन (China) सीमा विवाद (Border Dispute) को फिर से हवा देने की कोशिशों में लगा हुआ है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन लद्दाख (Ladakh) में जारी तनाव के बीच लोगों को पैसे देकर भारतीय सीमा से लगे इलाकों में बसा रहा है. उसने LAC के आसपास कई आधुनिक गांवों का निर्माण किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत-चीन के बीच जारी तनातनी को देखते हुए आम नागरिक इन गांवों में रहने से हिचकिचा रहे हैं, लेकिन चीन उन्हें पैसों का लालच देकर यहां रहने के लिए तैयार कर रहा है.

LAC के आसपास 600 गांव का निर्माण
‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार, ये गांव काफी दूर दराज के इलाके में बनाए गए हैं. यहां का मौसम भी लोगों के रहने के लिए अनुकूल नहीं है. लिहाजा चीन (China) उन्हें पैसा दे रहा है. सड़क, पानी, बिजली और संचार नेटवर्क का सपना दिखा रहा है. इसके अलावा, लोगों को मुफ्त में उच्च गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा देने का ऑफर भी दिया जा रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ 600 से अधिक ऐसे गांवों का निर्माण कर रहा है.

China ने दलालों को भी किया तैनात 

थिंक-टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन ने ‘तिब्बत डेली’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार इन गांवों में रहने के लिए लोगों को प्रति वर्ष 30,000 युआन (करीब साढ़े तीन लाख रुपये) भी दे रही है. इस रिपोर्ट में कई लोगों ने चीन से मिल रहे पैसों को बात को स्वीकार किया है. इसमें बताया गया है कि ड्रैगन ने लोगों को बहकाने के लिए बड़ी संख्या में दलालों को भी तैनात किया है. बता दें कि एक अमेरिकी रिपोर्ट में भी चीन द्वारा गांव बसाने की बात कही गई थी. 

सांसद ने स्वीकारी चीन की चालबाजी

रिपोर्ट में भाजपा सांसद तापिर गाओ (Tapir Gao) ने कहा कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. उन्होंने बताया कि 100 से अधिक घरों के निर्माण के पीछे बीजिंग है, जो अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले में त्सारी चू नदी के तट पर दिखाई दिए हैं. वहीं, लद्दाख सीमा क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टैनजिन ने कहा कि चीन स्थानीय लोगों को बेहतर रहने की सुविधा प्रदान करके उन्हें लुभाता है, ताकि वे विवादित सीमा क्षेत्रों में रहने और स्थायी बस्तियों का निर्माण कर सकें.