बीते चार दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर बिहारवासियों को बड़ी खबर दी. उन्होंने ट्वीट किया, ”पटना (एम्स) के निकट NH-139 से प्रारंभ होकर बाकरपुर, मानिकपुर–साहेबगंज-अरेराज को जोड़ते हुए बेतिया के निकट NH-727 तक जाने वाली सड़क को भारतमाला परियोजना में सम्मिलित कर इसे नये NH-139W के रूप में घोषित कर दिया गया है.” इसके साथ ही उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, ”पटना-साहेबगंज खंड के दीघा से शीतलपुर मार्ग पर गंगा नदी पर 5 किमी लंबे पुल के निर्माण को मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक रूप से सहमति दे दी गई है.” एक तो गंगा नदी पर नया पुल और दूसरा NH-139W के रूप में नए नेशनल हाइवे की सौगात. जाहिर है यह बिहार के विकास के मद्देनजर बहुत बड़ी खबर है क्योंकि इस पुल के बन जाने से बिहार के 12 जिलों का सीधा संपर्क राजधानी पटना से हो जाएगा.

दरअसल, बिहार में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर कई अहम कार्य हो रहे हैं. एक ओर बिहार में जहां 4 एक्सप्रेसवेका निर्माण हो रहा है, वहीं तीन और एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है. अब इस नये एनएच का यह नया फोरलेन बिहार की विकास को नयी रफ्तार देगा. प्रस्ताव के अनुसार पटना-दीघा से सारण और वैशाली जिले की सीमा पर सोनपुर के बीचोबीच रेलवे द्वारा निर्मित पुल के समानांतर एक और पुल बनाया जाएगा, जो चार लेन का होगा.

बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर फिलहाल दो पुल है. पहला गांधी सेतु और दूसरा जेपी सेतु, तीसरा गांधी सेतु के समानांतर एक और पुल बनाया जा रहा है. इसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. जेपी सेतु के समांतर गंगा नदी पर यह चौथा पुल के निर्माण कार्य के लिए केंद्र ने मंजूरी दी है.

इस नए पुल के बन जाने के बाद सबसे बड़ा लाभ बिहार के गोपालगंज, सिवान, छपरा, सारण, सोनपुर, मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, बेगुसराय, खगड़िया, मधेपुरा और सीतामढ़ी के लोगों को मिलेगा. जेपी सेतु के समानांतर बनने वाले इस नए पुल से पटना एम्स के लिए सीधी कनेक्टिविटी बहाल हो जाएगी.

इस पुल के बन जाने से बिहार के इन जिले से पटना एम्स पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार का सड़क जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा.बता दें कि करीब दो महीने पहले ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के मुलाकात में इस योजना पर सहमति बनी थी.