आने वाले वर्षों में बिहार के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिलेगी। इसके लिए टैरिफ के साथ ही स्लैब में भी बदलाव किया जाएगा। बिजली कंपनी ने इस रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। टैरिफ और स्लैब में बदलाव बिहार विद्युत विनियामक आयोग की सहमति के बाद ही होगा। एक नवम्बर यानी सोमवार को बिजली कंपनी के नौवें स्थापना दिवस के मौके पर ऊर्जा सचिव सह सीएमडी संजीव हंस ने यह जानकारी दी।

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में सीएमडी ने कहा कि एक समय बिजली में 90 से अधिक श्रेणी हुआ करती थी। अब इसे तीन दर्जन पर लाया गया है। कंपनी की कोशिश होगी कि इस श्रेणी को आने वाले दिनों में और कम किया जाए। इससे बिजली दर की असमानता दूर होगी। वहीं स्लैब में भी बदलाव किए जाएंगे। पहले चार-पांच स्लैब हुआ करते थे। इसे अब तीन तक लाया गया है। आने वाले समय में दो और फिर एक स्लैब कर दिया जाएगा। एक दर होने पर उपभोक्ता आसानी से समझ सकेंगे कि उन्होंने कितनी बिजली खपत की है। सीएमडी ने स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर से जुड़े सवालों पर साफ कहा कि यह पहले की तुलना में उपभोक्ताओं के लिए अधिक हितकारी है। पहले मीटर लगाने पर उपभोक्ताओं से पैसे लिए जाते थे। जबकि स्मार्ट मीटर कंपनी की ओर से नि:शुल्क लगाया जा रहा है। बिजली बिल की परेशानी दूर हो गई है। कंपनी ने यह प्रावधान किया है कि आठ साल तक एजेंसी स्मार्ट मीटर का रखरखाव भी करेगी। मीटर रिचार्ज कराने पर तीन फीसदी की छूट दी जा रही है। पहले समय पर बिजली बिल ऑनलाइन जमा करने पर ढाई फीसदी ही छूट दी जा रही थी। जिन लोगों को लग रहा है कि उनका बिजली बिल अधिक आ रहा है, वे अपने लोड का आकलन कर उसके अनुसार कनेक्शन का भार बढ़वा लें।

बोर्ड कॉलोनी पुनाईचक में हुआ पौधरोपण

स्थापना दिवस के मौके पर बोर्ड कॉलोनी पुनाईचक में पौधारोपण हुआ। साथ ही रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ जिसमें 53 लोगों ने हिस्सा लिया। शाम में विद्युत भवन परिसर में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएमडी के अलावा एमडी संदीप कुमार आर पुड्डकलकट्टी व संजीवन सिन्हा ने बिजली कर्मियों के साथ मिलकर दीप जलाए। इस पल को यादगार बनाने के लिए सेल्फी स्पॉट बनाया गया और रंगोली कलाकृतियों द्वारा परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।

स्मार्ट मीटर लगने के बाद कंपनी की आमदनी में 30 फीसदी तक की वृद्धि

सीएमडी ने कहा कि वैसे किसी तरह की परेशानी हो तो उपभोक्ता कंपनी कार्यालय के साथ ही 1912 पर भी शिकायत कर सकते हैं। जल्द ही उपभोक्ताओं के लिए एक टोल फ्री नंबर व कॉल सेंटर की सुविधा भी बहाल कर दी जाएगी जिससे स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर के उपभोक्ता कभी भी अपनी शिकायत कर सकेंगे। अभी ईईएसएल की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। तीन लाख से अधिक लग चुके हैं। अगले चरण में ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। राज्य मंत्रिमंडल की ओर से पारित प्रस्ताव के अनुसार कंपनी ने वितरण कंपनियों को भी स्मार्ट मीटर लगाने का जिम्मा दे दिया है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद वैसे इलाकों से कंपनी की आमदनी में 30 फीसदी तक की वृद्धि हुई है।